प्रयागराज : महाकुंभ में अखिलेश यादव समेत गणतंत्र दिवस पर 1.17 करोड़ श्रद्धालुओं ने लगाई पावन डुबकी। महाकुंभ 2025 के जारी आस्था के महोत्सव में मौनी अमावस्या से पहले रविवार को गणतंत्र दिवस के दिन सायं 4 बजे तक 1.17 करोड़ लोगों ने गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती नदियों के संगम ित्रवेणी में पावन डुबकी लगाई। डुबकी लगाने वालों में रविवार को समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव भी शामिल रहे।
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संगम में सपा मुखिया अकेले नहीं बल्कि परिवार संग आस्था की डुबकी लगाने पहुंचे थे। पहले विधिपूर्वक संगम स्नान, पूजन-दर्शन के बाद सपा मुखिया अपने तीर्थराज प्रयाग में संगम पहुंचकर डुबकी लगाने को लेकर मीडिया से मुखातिब भी हुए। प्रदेश सरकार और मेला प्रबंधन की ओर से जारी आधिकारिक आंकड़े के मुताबिक, रविवार को सायं चार बजे तक महाकुंभ के शुरूआत से अब तक कुल 11.47 करोड़ श्रद्धालु संगम में पावन डुबकी लगा चुके हैं।
धीरेंद्र शास्त्री, कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी, मैरी कॉम पहुंचे संगम…
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में इन दिनों महाकुंभ की धूम है। देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी भारी तादाद में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। 29 तारीख को मौनी अमावस्या के दिन दूसरे अमृत स्नान के लिए तीर्थनगरी प्रयागराज में भक्तों की भीड़ बढ़ती जा रही है। महाकुंभ में डुबकी लगाने के लिए श्रद्धालुओं का रेला संगम नगरी पहुंच रहा है। कानपुर की तरफ से आने वाले वाहनों को बमरौली में पार्किंग कराई जा रही है। यहां से श्रद्धालु संगम स्थल के लिए पैदल ही कूच कर रहे हैं। बच्चे, बुजुर्ग, महिलाएं, युवा करीब 18 किमी दूर संगम स्थल के लिए पैदल जा रहे हैं।

इस दौरान कुंभ में डुबकी लगाने को लेकर वो उत्साह से लबरेज दिख रहे हैं। रविवार को गणतंत्र दिवस के मौके पर कई बड़ी हस्तियां संगम स्नान के लिए प्रयागराज के महाकुंभनगर पहुंचीं। पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री बागेश्वर धाम सरकार भी महाकुंभ पहुंचे। वह परमार्थ निकेतन आश्रम अरैल घाट पर चिदानंद स्वामी के आश्रम में पहुंच गए हैं और यहीं उनका प्रवास होगा।
इस बीच प्रयागराज महाकुंभ में बॉक्सर मैरी कॉम ने कहा कि “मुझे बहुत खुशी है कि मैं इस कुंभ मेले का हिस्सा बन सकी… व्यवस्थाएं इतनी अच्छी हैं कि मेरे पास शब्द नहीं हैं…”।

इसी क्रम में वरिष्ठ कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी ने पवित्र संगम पर पूजा-अर्चना कर आस्था की डुबकी लगाई। प्रमोद तिवारी ने मां गंगा से देश एवं समस्त प्रदेशवासियों के उत्तम स्वास्थ्य एवं समृद्धि व आपसी सद्भाव के लिए प्रार्थना की।

अखिलेश ने संगम में डुबकी लगाकर पूरे विधान से सूर्य को दिया अर्घ्य
इससे पहले समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश प्रयागराज पहुंचे । संगम में डुबकी लगाने के लिए जाने के क्रम में अखिलेश यादव एयरपोर्ट पर कार्यकर्ताओं के बीच फंस गए। वह मुलायम सिंह यादव की प्रतिमा पर माल्यार्पण भी करने गए। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने रविवार 26 जनवरी को अपने पूरे परिवार के साथ महाकुंभ में त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी लगाई और पूरे विधान से संगम में डुबकी लगाने के बाद सूर्य को अर्घ्य भी दिया।
अखिलेश यादव के साथ सपा नेता और कार्यकर्ता भी मौजूद थे। इससे पहले मकर संक्रांति के मौके पर प्रयागराज में महाकुंभ में डुबकी लगाने के बजाय हरिद्वार में सपा मुखिया ने गंगा में डुबकी लगाई तो वह सियासी हलके में चर्चा का विषय बना था। रविवार को प्रयागराज में डुबकी लगाने के बाद सपा मुखिया ने गंगा में अपनी डुबकी को लेकर तमाम सवालों का मीडिया को खुलकर जवाब भी दिया।

संगम में डुबकी लगाकर बोले अखिलेश – ये समय नहीं है सवाल को उठाने का…
संगम में डुबकी लगाने के बाद मीडिया से मुखातिब होने पर सपा मुखिया अखिलेश यादव ने कहा कि – ‘…आज 26 जनवरी है। ऐसे में उन्होंने देश के विकास और लोगों की सुख समृद्धि की कामना करते हुए तीनों नदियों गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम में डुबकी लगाई। …यही कामना है की सौहार्द सद्भावना और सहनशीलता बनी रहे।
…जहां तक महाकुंभ की व्यवस्था की बात है तो काम और बेहतर इंतजाम हमेशा हो सकते हैं। जिस समय 800, 1300 करोड़ रुपये खर्च किए उस समय भी इंतजाम अच्छा था। कभी-कभी सरकार ये कहती है कि रेलवे स्टेशन पर जान चली गई थी लोगों की तो वो हादसा समाजवादी पार्टी की सरकार की वजह से नहीं बल्कि रेलवे डिपार्टमेंट विभाग की गलती थी।

…विभाग ने प्लेटफॉर्म बदला था जिसकी वजह से भगदड़ हुई थी। रेलवे की तरफ से गलत अनाउंसमेंट हुआ था जिसकी जानकारी मुख्यमंत्री योगी को नहीं है। सपा ने समय-समय पर सवाल इसीलिए उठाए कि सरकार कमियों को दूर करे। 13 सौ करोड़ में भी कुंभ हुआ और 8 सौ करोड़ में भी कुंभ हुआ था।
…सवाल ये नहीं है कि कितने करोड़ का हो रहा है। …सवाल ये है कि यहां आने वाली जनता को सुविधाएं मिलें ? मां गंगा के लिए जो संकल्प लिया था कि गंगा बेहतर बहे, शुद्ध बहे, निर्मल हो। …शायद ये समय नहीं है इस सवाल को उठाने का’।