जमुई : टाउन थाना क्षेत्र के खैरी रामपुर गांव में मंगलवार को एक हृदयविदारक घटना सामने आई। जहां बिना अनुमति नहर के बीचो-बीच लगाए गए बिजली के खंभे के करंट की चपेट में आने से 10 वर्षीय अजीत कुमार की मौत हो गई। घटना के बाद पूरे गांव में मातम पसर गया। मृतक अजीत, राजीव मांझी का पुत्र था। ग्रामीणों ने जानकारी देते हुए कहा कि छह महीना पहले ही बिजली का खंभा और नंगा तार लगाया गया था। लेकिन महज 20 दिन पहले ही इसमें लाइन चालू किया गया लेकिन इस बात की जानकारी ग्रामीणों को नहीं दी गई थीं। मृतक बच्चे की मौत के बाद ग्रामीणों में दशक का माहौल बना हुआ हैं।
पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर सदर अस्पताल भेज दिया
सूचना मिलते ही टाउन थाना की पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर सदर अस्पताल भेज दिया, जहां पोस्टमार्टम कराया गया। मामले की जांच कर रहे टाउन थाना के एसआई बड़े लाल यादव ने बताया कि हादसे की सूचना उन्हें ग्रामीणों से मिली थी। मौके पर पहुंचने पर पाया गया कि जिस स्थान पर बच्चे की मौत हुई थी, वहां से शव को ग्रामीणों ने हटाकर दूसरी जगह रख दिया था। उन्होंने स्वीकार किया कि नहर के बीचो-बीच बिजली का खंभा लगाना गंभीर त्रुटि है और यह स्पष्ट रूप से विभागीय लापरवाही का मामला प्रतीत होता है।
अजीत नहर में हाथ धोने गया था – मृतक के पिता राजी
मृतक के पिता राजीव मांझी ने बताया कि अजीत नहर में हाथ धोने गया था, उसी दौरान वह करंट की चपेट में आ गया। स्थानीय ग्रामीण कुंदन कुमार ने बताया कि लगभग एक किलोमीटर की लंबाई में बिजली के खंभे नहर के बीचो-बीच लगाए गए हैं। उन्होंने बिजली विभाग और संबंधित ठेकेदार पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया। कुंदन ने बताया कि एक खंभा काफी क्षतिग्रस्त था और उससे लोहे का छड़ बाहर निकल आया था। इसी के संपर्क में आने से अजीत की मौत हुई। घटनास्थल पर मौजूद
खंभों की स्थापना पी चन्द्रा कंपनी के ठेकेदार द्वारा कराई गई थी – ग्रामीण तनुज सिंह
ग्रामीण तनुज सिंह ने भी बिजली विभाग पर सवाल उठाते हुए कहा कि खंभों की स्थापना पी चन्द्रा कंपनी के ठेकेदार द्वारा कराई गई थी। उन्होंने जिला प्रशासन से मांग की कि ठेकेदार का लाइसेंस रद्द किया जाए। साथ ही दलित परिवार से आने वाले मृतक बच्चे के परिवार को उचित मुआवजा देने की भी मांग की। इस बीच बिजली विभाग के एसडीओ मिथिलेश कुमार ने अपने बयान में कहा कि बच्चा पतंग उतारने के दौरान खंभे पर चढ़ा था और इसी कारण हादसा हुआ। पत्रकारों से बातचीत में एसडीओ मिथिलेश कुमार ने यह स्वीकार किया कि नहर के बीचोबीच खंभा लगाना पूरी तरह गलत है और ठेकेदार को इसे हटाने के आदेश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि दोषी पर कार्रवाई भी की जाएगी।
नहर में खंभा लगाने के लिए किसी भी प्रकार की एनओसी नहीं ली गई थी – कार्यपालक अभियंता
कार्यपालक अभियंता ने पुष्टि की कि नहर में खंभा लगाने के लिए किसी भी प्रकार की एनओसी नहीं ली गई थी। उन्होंने कहा कि नहर सिंचाई का प्रमुख स्रोत है और बीचो-बीच खंभा लगाने से सफाई कार्य में भी गंभीर बाधा आती है। उन्होंने इसे पूरी तरह अवैध और गलत करार दिया। ग्रामीणों में इस हादसे को लेकर गहरा आक्रोश है। लोग बिजली विभाग और ठेकेदार की लापरवाही को बच्चे की मौत का जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। प्रशासनिक कार्रवाई और मुआवजा देने की मांग के बीच गांव का माहौल अभी भी गमगीन है।
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ब्रह्मदेव प्रसाद की रिपोर्ट
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