Koderma: कोडरमा के सतगावां प्रखंड के कोठियार पंचायत में 25 परिवारों के 100 लोगों के धर्मांतरण करने का का मामला प्रकाश में आया है. मामला प्रकाश में आने के बाद पुलिस ने जांच शुरू कर दिया है. वहीं तमाम हिंदू संगठन के कार्यकर्ता गांव पहुंचकर लोगों से जानकारी जुटा रहे हैं.
धर्मांतरण – घटवार समुदाय के 100 लोगों ने अपनाया ईसाई धर्म
कोडरमा के सतगावां थानाक्षेत्र के कोठियार पंचायत के गरडीह टोला में घटवार समुदाय के 100 लोगों ने धर्मांतरण कर ईसाई धर्म अपना लिया है. जिसमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं. इस गांव में रहने वाले घटवार समुदाय के लोग आर्थिक रूप से कमजोर तबके के हैं. ईसाई धर्म प्रचारक के द्वारा पिछले कई वर्षों से लगातार इन गरीब परिवारों को प्रलोभन देने की बात ग्रामीणों ने बताई है.
ग्रामीणों ने बताया कि सभी परिवारों को इलाज में मदद करने और बीमारी ठीक करने के नाम पर धर्मांतरण करा दिया गया. ईसाई धर्म अपनाने वाले लोगों का कहना है कि बीमारी ठीक करने के लिए उन्होंने प्रभु यीशु की प्रार्थना शुरू की है और धर्मांतरण नहीं किया है बल्कि अपना मन परिवर्तन कर लिया है.
धर्मांतरण – ईसाई धर्म अपनाने वाले लोगों ने कहा
जिन लोगों ने धर्मांतरण किया है उनके घरों में ईसाई धर्म से जुड़े प्रतीक चिह्न भी लगे हुए हैं और ऐसे लोग हर रविवार प्रार्थना भी कर रहे हैं. बड़ी संख्या में लोगों के धर्मांतरण की सूचना के बाद लगातार हिंदू संगठन गांव का दौरा कर रही है और लोगों से जानकारी जुटा रही है
हिंदू संगठन जानकारी इकट्ठा करने में जुटा
विश्व हिंदू परिषद के जिला मंत्री पंकज दुबे ने बताया कि मामला प्रकाश में आने के बाद विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ता गांव में भ्रमण कर रहे हैं और जिन लोगों ने धर्मांतरण किया है
उनका फिर से हिन्दू धर्म में परावर्तन कराया जाएगा.
उन्होंने कहा कि गरीब लोगों को अनाज और मकान का
प्रलोभन देकर इस सरकार में धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है.
स्थानीय लोगों से पूछताछ कर रही है पुलिस
वहीं दूसरी तरफ बड़े पैमाने पर धर्मांतरण की सूचना के बाद
हड़कत में आई पुलिस स्थानीय लोगों से पूछताछ कर रही है.
एसपी कुमार गौरव ने बताया कि धर्मांतरण की सूचना के बाद
मौके पर पुलिस पहुंची है और जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी.
उन्होंने कहा कि धर्म परिवर्तन के पीछे की वजह का पुलिस पता लगाने में जुटी है.
आपको बता दें कि जिन लोगों का धर्म परिवर्तन कराया गया है,
वे लोग आज भी मिट्टी के मकान में रोजमर्रा की जिंदगी जी रहे हैं.
बुनियादी सुविधाओं के साथ-साथ ये लोग आज सरकारी योजनाओं से कोसों दूर हैं.
रिपोर्ट: कुमार अमित