झारखंड शराब घोटाले में अब ED की एंट्री. IAS विनय चौबे सहित 13 गिरफ्तार. ईडी ने ECIR दर्ज कर एसीबी से केस टेकओवर किया और मनी लॉन्ड्रिंग जांच शुरू की.
Jharkhand Liquor Scam में ED Entry : झारखंड के बहुचर्चित शराब घोटाले की जांच ने अब नया मोड़ ले लिया है. इस बड़े मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने आधिकारिक रूप से प्रवेश कर लिया है. अब तक एसीबी इस घोटाले की जांच कर रही थी, जिसमें वरिष्ठ IAS विनय चौबे, IAS अमित प्रकाश, जॉइंट कमिश्नर गजेन्द्र सिंह सहित 13 से अधिक लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है. इसी बीच ईडी ने ECIR दर्ज करते हुए मनी लॉन्ड्रिंग ऐंगल से पूरे केस की जांच शुरू कर दी है.
ईडी ने PMLA कोर्ट में एक आवेदन देकर जेल में बंद आरोपियों से पूछताछ की अनुमति मांगी है. यह साफ संकेत है कि अब जांच की दिशा बदलेगी और कई नए खुलासों की संभावनाएं बढ़ गई हैं. केंद्रीय एजेंसी के आने से मामले का दायरा और विस्तृत होने की उम्मीद है, खासकर इसलिए क्योंकि राज्य सरकार और केंद्र के बीच संबंध राजनीतिक रूप से टकराव वाले हैं.
Key Highlights
झारखंड के बहुचर्चित शराब घोटाले की जांच अब एसीबी से ईडी ने अपने हाथ में ले ली.
IAS विनय चौबे और IAS अमित प्रकाश समेत 13 से अधिक लोगों की गिरफ्तारी पहले ही हो चुकी.
ईडी ने ECIR दर्ज किया और PMLA कोर्ट से आरोपियों से पूछताछ की अनुमति मांगी.
प्लेसमेंट एजेंसियों, फर्जी बैंक गारंटी और करोड़ों के अवैध ट्रांसफर पर अब मनी लॉन्ड्रिंग एंगल से जांच होगी.
कई बड़े नाम और पूर्व मंत्रियों की भूमिका भी जांच रडार पर आने की संभावना.
Jharkhand Liquor Scam में ED Entry: कैसे खुला शराब घोटाले का मामला
जांच का सूत्रपात तब हुआ जब एक्साइज प्लेसमेंट एजेंसियों द्वारा जमा की गई बैंक गारंटी फर्जी पाई गई. फर्जी गारंटी के बावजूद एजेंसियों को काम जारी मिला और यह अनियमितता लंबे समय तक दबाई गई. उस समय एक्साइज कमिश्नर रहे कर्ण सत्यार्थी ने फाइल पर टिप्पणी करते हुए इस गड़बड़ी को उजागर किया, जिसके बाद मामला दबाए रखना मुश्किल हो गया. जल्द ही यह पूरी तरह सामने आ गया और वरिष्ठ अधिकारियों की भूमिका जांच के घेरे में आने लगी.
कई प्लेसमेंट एजेंसियों के निदेशकों जैसे परेश सिंह ठाकुर, विक्रमा सिंह ठाकुर और अन्य पर भी कार्रवाई हो चुकी है. आरोप यह है कि इन कंपनियों के खातों में करोड़ों रुपये पहुंचे, लेकिन सोर्स का कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया गया. विनय चौबे के परिजनों के खातों में भी संदिग्ध राशि पाए जाने की बात एसीबी ने कोर्ट में कही है.
Jharkhand Liquor Scam में ED Entry: जांच का दायरा अब और बढ़ेगा
जितेंद्र कुमार, जो इस खबर का विश्लेषण कर रहे थे, के अनुसार ईडी की एंट्री के बाद इस केस में कई बड़े नाम सामने आ सकते हैं. अब तक जांच सिर्फ वरिष्ठ अधिकारियों और प्लेसमेंट एजेंसियों तक सीमित रही है, लेकिन एक्साइज सुपरिटेंडेंट, जिले के स्तर के अधिकारी और एक्साइज विभाग के दरोगाओं की भूमिका भी संदेह में है. आरोप है कि प्लेसमेंट एजेंसियों से नकद राशि जिला स्तर पर उठाई जाती थी और वह अभी तक जमा नहीं की गई.
Jharkhand Liquor Scam में ED Entry: क्या सफेदपोश भी आएंगे रडार पर?
यह बड़ा सवाल है कि क्या इस घोटाले में मंत्री स्तर के लोगों की भूमिका की भी जांच होगी. पूर्व में एक्साइज विभाग का प्रभार दिवंगत जगन्नाथ महतो के पास था. इसके अलावा मिथिलेश ठाकुर और अन्य मंत्री भी उसी अवधि में विभाग से जुड़े रहे. एसीबी द्वारा इन स्तरों पर पूछताछ न होने को लेकर कई सवाल उठते रहे हैं. अब ईडी के आने से राजनीतिक स्तर तक जांच की संभावना बढ़ गई है.
Jharkhand Liquor Scam में ED Entry: राजनीतिक हलचल तेज
जांच तब तेज हुई है जब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन लगातार कई दिनों से दिल्ली में हैं. इस बीच सोशल मीडिया पर कई तरह की खबरें चल पड़ीं, जिन्हें अखबारों ने संतुलित रिपोर्टिंग के साथ शांत किया. लेकिन ईडी की कार्रवाई ने राजनीतिक माहौल में नई हलचल पैदा कर दी है.
Jharkhand Liquor Scam में ED Entry:
मामले की सुनवाई शुरू हो चुकी है और ईडी द्वारा केस टेकओवर किया जाना इस घोटाले के बड़े रूप की ओर इशारा करता है. पूछताछ का दायरा बढ़ेगा, कई नए नाम सामने आएंगे और कई अधिकारियों को ईडी नई गवाह सूची में शामिल कर सकती है.
यह झारखंड में अब तक के सबसे बड़े प्रशासनिक और राजनीतिक घोटालों में से एक के रूप में उभर रहा है, जिस पर आने वाले दिनों में कई बड़े खुलासे संभव हैं।
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