रांची: झारखंड में 38 करोड़ रुपये के शराब घोटाले में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। एसीबी द्वारा कोर्ट में समर्पित केस डायरी के अनुसार, मैन पावर सप्लाई करने वाली कंपनियों विजन और मार्शन ने फर्जी बैंक गारंटी के सहारे टेंडर हासिल किया और बिना कोई पैसा जमा किए शराब की आपूर्ति कर भारी मुनाफा कमाया। इसके बावजूद, बिक्री से हुई आमदनी विभाग के खाते में जमा नहीं की गई, जिससे राज्य को भारी राजस्व नुकसान हुआ।
केस डायरी में दर्ज तथ्यों के अनुसार, जेएसबीसीएल के तत्कालीन जीएम फाइनेंस सुधीर कुमार दास ने बकाया भुगतान रोकने का नोटिस जारी करने के बाद भी 24 जुलाई 2024 को 39,06,128 रुपये और 92,05,361 रुपये के भुगतान की अनुमति बिना वरिष्ठ अधिकारियों की स्वीकृति के दी। वहीं, तत्कालीन जीएम ऑपरेशन सह फाइनेंस सुधीर कुमार ने टेंडर प्रक्रिया के दौरान कंपनियों के दस्तावेज और बैंक गारंटी का सत्यापन नहीं किया, जिसके चलते फर्जीवाड़ा पकड़े जाने के बाद भी कंपनियों का एग्रीमेंट रद्द नहीं किया गया।
एसीबी की जांच में यह स्पष्ट हुआ कि दोनों अधिकारियों के पास पूरे मामले की जानकारी थी, लेकिन कार्रवाई नहीं की गई, जिससे 38 करोड़ से अधिक का राजस्व नुकसान हुआ। केस डायरी के पारा नंबर 211, 213, 303 और 304 में इस घोटाले से जुड़े ठोस साक्ष्य दर्ज हैं।