रांची: खूंटी के अपर पुलिस अधीक्षक रहे सीआरपीएफ के उप समादेष्टा अनुराग राज वर्तमान में कश्मीर में देश की सेवा में लगे हुए हैं. उनका मानना है कि नक्सली हिंसा राज्य स्तर की और आतंकी हिंसा राष्ट्रीय स्तर की बात है. ये बातें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर वीरता के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के हाथों प्राप्त करने के बाद कही.
मिडिया से बात करते हुए अनुराग राज ने कहा कि स्थानीय लोगों को हिंसा के नतीजे भुगतने पड़ते हैं, जिसका खामियाजा वे उठाते हैं। राष्ट्रपति सम्मान के बाद, अनुराग ने यह कहा कि ऐसे सम्मान से लोगों को प्रेरित होने का अवसर मिलता है और उनका देश सेवा में समर्पण और भी बढ़ जाता है।
जमशेदपुर में रेल पुलिस अधीक्षक के रूप में कार्यरत ऋषभ कुमार झा ने भी वीरता के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित होने पर अपनी खुशी व्यक्त की। उन्होंने आगामी समय में भी नक्सल विरोधी अभियान और अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए प्रतिबद्ध रहने की प्रतिज्ञा की।
स्वतंत्रता दिवस के मौके पर, 44 पुलिस पदाधिकारी और कर्मियों को उनकी उत्कृष्ट सेवा और वीरता के लिए पुलिस पदक और सेवा पदक से सम्मानित किया गया। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मोरहाबादी मैदान में आयोजित कार्यक्रम में इन पुलिस पदाधिकारियों और कर्मियों को सम्मानित किया। उन्होंने इन सम्मानित पुलिस अधिकारियों के साथ तस्वीर भी खिचवाई।
राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित पारसनाथ ओझा और सेवा के लिए पुलिस पदक से भारतीय पुलिस सेवा के साकेत कुमार सिंह, हवलदार कैलाश प्रसाद, हवलदार सत्येंद्र नाथ, आरक्षी राम जन्म प्रसाद, हवलदार तिल प्रसाद, और सहायक अवर निरीक्षक मनोज कुमार दास, सुनील कुमार राय भी शामिल थे।
इसके साथ ही, सहायक अवर निरीक्षक मनोज कुमार, रामबली प्रसाद, रंजन कुमार पाठक, भगवान प्रधान, हवलदार गोपाल राम, बंधु खड़िया, असित बसरियार, आरक्षी जय किशोर राम, विपिन रजक, रामाकांत उपाध्याय, श्याम कुमार, श्रीपत कुमार, जानिया बिरुवा, रामाशंकर यादव, जीतन भेंगरा, और शंकर दयाल मिश्रा भी थे। आरक्षी मोहम्मद रशीद को भी मुख्यमंत्री द्वारा सम्मानित किया गया।
इसके अलावा, वीरता के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी मनीष चंद्र लाल, भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो रांची के पुलिस निरीक्षक सुरेश राम, आरक्षी रोहित कुमार रजक, हीरालाल ठाकुर, अनिरुद्ध कुमार ओझा, यशवंत महतो,पुलिस अधीक्षक ऋषभ कुमार झा और तत्कालीन पुलिस अपर पुलिस अधीक्षक खूंटी अनुराग राज भी शामिल थे।



































