बोकारोः चास प्रखंड के कुर्रा पंचायत की महिलाएं मछली पालन को आय का जरिया बना स्वावलंबन की राह पर चल पड़ी है. ये सभी महिलाएं राज्य सरकार की जोहार परियोजना के तहत मछली पालन कर रही है. इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण परिवार की महिलाओं में कृषि और गैर कृषि गतिविधियों का बढ़ावा देना है.
कुछ दिन पूर्व कुर्रा पंचायत का दुर्गापुर में 21 महिलाओं की एक बैठक हुई. इस बैठक में राज्य सरकार की योजना से संचालित जोहर परियोजना से जुड़ कर मछली पालन का निर्णय लिया गया.
गांव में कई तालाब और दलदली जमीन थी, महिलाओं ने इसी जमीन पर मछली पालन का निर्णय लिया. महिलाओं ने पिछले वर्ष 30 किलो मछली का वीजा 4 तालाबों में डाला और दो सौ प्रति किलो के हिसाब से 400 केजी मछली की बिक्री की. लाभ से उत्साहित दूसरे वर्ष महिलाओं ने गांव के चार तालाब में 97 केजी मछली का वीजा डाला.
मछली पालन से जुड़ी महिलाएं बताती है कि एक वर्ष पहले तक महिलाएं घर की दहलीज से बाहर नहीं निकल थी. जब जेएसएलपीएस से जुड़ने का फैसला किया गया तो गांव के पुरुष ताना मारने लगे.
लेकिन, जब यह जोहार योजना लॉन्च किया गया तो महिलाओं ने मछली पालन की दिशा में अपना कदम बढ़ाया, महिला समूह को बगैर किसी ब्याज का पूंजी और मछली पालन का प्रशिक्षण दिया गया. अब 21 महिलाओं का यह समूह इस मछली पालन से लाभ कमा रही है, सिर्फ यही नहीं इनकी सफलता को देखते हुए दूसरी ग्रामीण महिलाएं भी इस पेशे की ओर आकर्षित हो रही है, गांव की महिलाएं स्वावलंबन की ओर कदम बढ़ा रही है.
मछली पालन से जुड़ी महिलाएं बताती है कि सरकार का काम योजनाओं को निर्माण है, लेकिन योजना को धरातल पर उतारने का काम तो महिलाओं को ही करना होगा, यदि महिलाएं इस दिशा में प्रयास नहीं करेंगी तो योजना कागज से निकल कर जमीन पर नहीं उतर सकती.
रिपोर्टः चुमन