पटनाः यूपीएससी परीक्षा का जब रिजल्ट निकला तब देवानंद सिंह अपने ऑफिस में काम कर रहे थे. काम खत्म कर वो घर के लिए निकले . अभी ऑफिस की सीढ़ियों पर ही थे कि बेटे शुभम का फोन आया-पापा यूपीएससी का रिजल्ट आ गया है . देवानंद सिंह ने पूछा क्या हुआ बेटा ? पापा मैं पास कर गया. रैंक क्या है बेटा ? पापा मैं टॉपर हूं. पापा को अपने कानों पर भरोसा नहीं हुआ. फिर से पूछा, रैंक क्या है बेटा ? पापा मैं टॉपर हूं. इसके बाद कुछ पल के लिए न बेटा आगे बोल पाया और न पापा. बेटे का गला रूंध गया और पापा की आंखे डबडबा गई. उस पल को याद करते हुए बताते हैं शुभम के पिता.
यूपीएससी का रिजल्ट आने के बाद कटिहार के ऑल इंडिया टॉपर शुभम कुमार और उनके पिता देवानंद सिंह के बीच ये पहला संवाद था. इसके बाद तो ख़बर जंगल के आग की तरह फैलने लगी. नाते-रिश्तेदारों,पड़ोसियों की ओर ओर बधाई संदेशों का तांता लग गया. कदवा प्रखंड के कुम्हरी गांव में जश्न का माहौल है. पूरा गांव अपने लाल पर गर्व कर रहा है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी ट्वीट कर शुभम को बधाई दी है.
शुभम के पिता कहते हैं-मेरे जीवन का सबसे खुशनुमा पल है. मां चाहती है कि गांव के और बच्चे भी आगे बढ़े और शुभम उनकी मदद करे. शुभम के पिता देवानंद सिंह उत्तरी बिहार ग्रामीण बेंक में मैनेजर हैं और मां गृहणी हैं. देवानंद सिंह कहते हैं कि पारिवारिक परिस्थितियों की वजह से वो खुद उस जगह तक नहीं पहुंच पाए जहां पहुंचना चाहते थे. लेकिन बहुत पहले उन्होने तय कर लिया था कि अपने बच्चों को वहां तक पहुंचाने के लिए कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे. पुत्र ने भी माता-पिता के सपने को साकार करने में कोई कसर नहीं छोड़ी और आखिरकार खुशियों का वो दिन आ ही गया.
साल 2019 में भी शुभम का यूपीएससी में चयन हो गया था , तब उन्हे 290वीं रैंक मिली थी. फिलहाल वो इंडियन डिफेंस अकाउंट्स सर्विस पुणे में पदस्थापित हैं. शुभम ने आईआईटी मुंबई से बीटेक की डिग्री ली है. उनकी प्रारंभिक पढ़ाई विद्या बिहार परोड़ा में हुआ. बचपन से ही वह बहुत मेधावी रहा है. शुभम का गांव कुम्हरी महानंदा नदी के कहर के कारण अक्सर बाढ़ की चपेट में आ जाता है. ऐसे में भतीजे की इस उपलब्धि के बाद चाचा चाहते हैं कि आगे शुभम इस मसले पर भी काम करे ताकि कदवा के इस इलाके को बाढ़ के त्रासदी से मुक्ति मिले.