रांची: झारखंड के शिक्षकों के लिए राष्ट्रपति सम्मान के लिए आवेदन करने की तारीख के अंत में बदलाव के कारण उन्हें सम्मान के लिए चयनित होने में संशय है।
राष्ट्रपति के हाथों सम्मानित होने की इच्छा सभी शिक्षकों की होती है, और यह सम्मान उनके लिए गर्व का विषय होता है।
लेकिन इस साल कुछ अधिकारियों की तकनीकी अड़चन के कारण झारखंड के शिक्षकों को यह सम्मान नहीं मिल पाएगा।
अन्तर्विद्यालयीय प्रतिस्पर्धा के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए ऑनलाइन आवेदन करने की अंतिम तारीख 15 जुलाई थी।
इस दिन तक झारखंड के किसी शिक्षक ने भी आवेदन नहीं किया, इस वजह से झारखंड के सरकारी स्कूलों के शिक्षकों के लिए सम्मान के चयन को लेकर चिंता है।
इस समस्या का हल निकालने के लिए, केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने विभिन्न शिक्षकों को अपने अनुभव और सामाजिक कार्य के आधार पर चयनित करने के लिए ऑनलाइन आवेदन मांगे थे।
शिक्षा सचिव ने बताया कि कुछ शिक्षक ने तकनीकी समस्याओं के कारण आवेदन करने में देरी की शिकायत की गई, हालांकि, अब भी आवेदन करने की अवधि समाप्त नहीं हो गई है।
शिक्षा सचिव ने कहा कि शिक्षकों को इससे पहले ही आवेदन कर लेना चाहिए था, ताकि इस समस्या का समाधान हो सके।
झारखंड से 2010 में राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त कर चुके सेवानिवृत्त शिक्षक मोहन सिंह ने इस समस्या को उठाते हुए कहा कि यह बेहद दुखद है कि इस बार किसी भी शिक्षक ने सम्मान के लिए आवेदन नहीं किया।
वे यह सुझाव देते हैं कि विभाग को आवेदन की अंतिम तारीख बढ़ाकर शिक्षकों के लिए अधिक समय देना चाहिए, ताकि उन्हें भी सम्मान के लिए चयनित किया जा सके।
इस समस्या के समाधान के लिए शिक्षा विभाग केंद्र सरकार से आग्रह कर रहा है, ताकि आवेदन की अंतिम तारीख बढ़ाकर शिक्षकों को अधिक समय मिल सके और वे भी सम्मान के लिए चयनित हो सकें।
यह समस्या खुद शिक्षा सेवाओं में समन्वय की कमी के कारण उत्पन्न हुई है और इसका हल निकालने के लिए सकारात्मक कदम उठाए जाने की आवश्यकता है।