पटना : बिहार प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष डॉॉ. अखिलेश प्रसाद सिंह ने एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि पंडित जवाहर लाल नेहरु इस देश के लिए हमेशा प्रासंगिक रहे हैं। लेकिन मोदी सरकार के आने के बाद उनकी प्रासंगिकता और बढ़ गई है। क्योंकि भाजपा शासन में उन्माद को हवा दी जा रही है और देश में नफरत और असहिष्णुता का वातावरण व्याप्त हो गया है। वे भारत सेवक समाज द्वारा आयोजित नेहरु जयंती के अवसर पर सभा को संबोधित कर रहे थे।
इस अवसर पर प्रदेश अध्यक्ष ने भारत सेवक समाज के संस्थापक पंडित नेहरु एवं स्वामी हरिनारायणानन्द की प्रतिमा का अनावरण भी किया। प्रदेश अध्यक्ष ने पूर्व प्रधानमंत्री व भारत सेवक समाज के सह-संस्थापक गुलजारी लाल नंदा की प्रतिमा लगाने का भी निर्देश दिए। सभा की अध्यक्षता बिहार प्रदेश भारत सेवक समाज के विजय कुमार सिंह ने किया। इससे पहले प्रदेश पार्टी मुख्यालय सदाकत आश्रम में नेहरू जयन्ती के अवसर पर उनके नेतृत्व में कांग्रेस नेताओं ने भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें याद किया।
इस अवसर पर बोलते हुए डॉ. सिंह ने कहा कि हमारे देश के स्वतंत्रता सेनानियों की दो श्रेणी है। एक श्रेणी उन देशभक्तों की है, जिन्होंने आजादी की लड़ाई में अपना सबकुछ न्यौछावर कर दिया, तो दूसरी तरफ वे हैं जिन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में अहम भूमिका निभाने के साथ-साथ आजादी मिलने के बाद देश में लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था की मजबूत बुनियाद खड़ी कर देश का भविष्य संवारा। पंडित नेहरु इसी श्रेणी के महानायक थे।
डॉ. सिंह ने कहा कि जबसे भाजपा केन्द्र की सत्ता संभाली है, तबसे एक नया फैशन शुरू हो गया है, जिनके अक्ल के दांत भी अभी नहीं उगे हैं वे भी गांधी और नेहरु जैसे महान विचारक और राष्ट्रभक्त महानायकों पर टीका-टिप्पणी करने लगे हैं। इसी तरह संघ परिवार और उसका समस्त कुनबा नेहरु और सरदार पटेल के बीच दरार दिखाकर पटेल को अपनाने की नापाक कोशिश में लगी हुई है। उनको यह मालूम नहीं कि यह सरदार पटेल ही थे जिन्होंने महात्मा गांधी की हत्या के बाद 1948 में आरएसएस पर साम्प्रदायिक हिंसा में लिप्त होने के कारण पाबंदी लगा दी थी।
इस अवसर पर प्रदेश कांग्रेस के सैंकड़ों नेता व कार्यकर्ता उपस्थित थे। पूर्व राज्यपाल निखिल कुमार, डॉ. मदन मोहन झा, झारखंड के पूर्व मंत्री केएन त्रिपाठी, डॉ. समीर कुमार सिंह, प्रेमचन्द्र मिश्रा, नरेंद्र कुमार, राजेश राठौड़, बंटी चौधरी, डॉ. अजय कुमार सिंह, लाल बाबू लाल, ब्रजेश पांडेय, डॉ. हरखु झा, डॉ. विनोद शर्मा, विनोद यादव, ब्रजेश प्रसाद मुनन, आलोक हर्ष, अजय चैधरी, डॉ. संजय यादव, शशि कांत तिवारी, गुंजन पटेल, कमलदेव नारायण शुक्ला, अमरेन्द्र सिंह, राजकिशोर सिंह, शरबत जहां फातिमा, चन्द्र प्रकाश सिंह, शंकर स्वरूप, दुर्गा गुप्ता, सुधा मिश्रा, आशुतोष शर्मा, अखिलेश्वर सिंह, निधि पांडेय, उदय शंकर पटेल, आदित्य कुमार पासवान, शारिफ रंगरेज, आरएन चौधरी, नन्द किशोकर सिंह, गुरुदयाल सिंह, अश्विनी कुमार, राम सागर पाण्डेय, नीतू सिंह निषाद, मिहिर झा, प्रियंका सिंह, राधा झा, सतीश कुमार मंटन, मो. शाहनवाज, सुनील कुमार सिंह, सत्येन्द्र पासवान, पंकज यादव, वसी अख्तर, संतोष श्रीवास्तव, संजय कुमार पाण्डेय और मो. शमीम मौजूद थे।
कुमार गौतम की रिपोर्ट