सावन का पवित्र महीना चल रहा है भोलेनाथ के भक्त इन दिनों आराधना में व्यस्त हैं. दरअसल, सावन का महीना शिवभक्तों के लिए बहुत ही खाश होता है . इस माह की शिवरात्रि का विशेष महत्व होता है.आज सावन की मासिक शिवरात्रि है. सावन में पड़ने वाली यह शिवरात्रि फल प्रदान करने वाली तिथि मानी जाती है.
जानें इस बार सावन शिवरात्रि की तिथि और पूजा करने की विधि.
शिवरात्रि पूजन विधि- स्नान करने के बाद पीले या सफेद रंग का वस्त्र पहन लें उसके बाद भगवान शिव, माता पार्वती, गणेश जी,
भगवान कार्तिकेय और भोलेनाथ के वाहन नंदी की प्रतिमा स्थापित करें और उनकी पूजा करें.उसके बाद बारी-बारी से गणेश जी,
शिवजी,पार्वती और कार्तिकेय जी को पंचामृत से स्नान कराएं। उसके बाद बेलपत्र, फल, फूल, धूप, दीप, नैवेद्य और इत्र से उनकी पूजा करें .
शिवरात्रि का व्रत करने वालों को शिव पुराण या शिवाष्टक का पाठ अवश्य करना चाहिए. पूजा का समापन शिव आरती के साथ करें.
शिव चालीसा के पाठ से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं
शिवरात्रि पूजन का महत्व- मान्यता है कि मासिक शिवरात्रि का व्रत करने से कन्याओं को मनोवांछित वर की प्राप्ति होती है
और विवाह में आ रही रुकावटें दूर होती हैं. व्रत रखने और पूजा करने वाले लोगों की सारी समस्याएं शिवजी दूर करते हैं.
मासिक शिवरात्रि के दिन शिव चालीसा का बहुत महत्व होता है.
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