रांचीः हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद चंपई सोरेन राज्य के मुख्यमंत्री बन गये हैं। मुख्यमंत्री बनने के बाद चंपई सोरेन को विधानसभा में बहुमत साबित करना है। चूंकी राज्यपाल के पास चंपई सोरेन ने 43 विधायकों का समर्थन पत्र सौंपा था।
जिसके बाद राज्यपाल ने चंपई सोरेन को 10 दिनों में बहुमत साबित करने का वक्त दिया है। अब विश्वासमत साबित करने के लिए झारखंड विधानसभा का दो दिवसीय विशेष सत्र बुलाया गया है। जहां चंपई सोरेन को फ्लोर टेस्ट में पास होना है।
विधानसभा में सीटों का ऐसा है ‘खेल’
झारखंड विधानसभा में कुल सदस्यों की संख्या 81 है जिसमें से एक सीट रिक्त है। गांडेय विधानसभा सीट से जेएमएम के विधायक ने इस्तीफा दे दिया था। यानी कुल 80 में से 48 विधायक इंडिया ब्लॉक के हैं। जेएमएम से 29, कांग्रेस से 17 विधायक हैं। आरजेडी-सीपीएम के पास एक-एक सीटें हैं।
हालांकि चंपई सोरेन ने राज्यपाल को विधायकों के समर्थन का जो पत्र सौंपा है, उस पर 43 विधायकों के ही हस्ताक्षर हैं। विपक्ष की बात करें तो बीजेपी, जेएमएम से ज्यादा पीछे नहीं है। बीजेपी 26 विधायकों के साथ विधानसभा में दूसरी बड़ी पार्टी है। आजसू के तीन, एनसीपी (अजित पवार गुट) के एक और दो निर्दलीय विधायकों का समर्थन भी बीजेपी के साथ है।