रांची: 21 माह के बकाया वेतन भुगतान सहित अन् मांगों को लेकर एचइसी कर्मियों का आंदोलन गुरुवार को 58वें दिन भी जारी रहा.
एचइसी बचाओ जनसंघर्ष समिति के बैनर तले कर्मियों ने सुबह 8.00 बजे से ही एचइसी मुख्यालय, एचएमबीपी कार्यालय और एफएफपी बिल्डिंग को जाम कर दिया.
कर्मियों ने तीनों जगह एक भी अधिकारी को कार्यालय में जाने नहीं दिया. मजदूर कैंटीन के समक्ष सभा को संबोधित करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने कहा कि केंद्र सरकार की नीतियों के कारण एचइसी बंदी के कगार पर पहुंच गया है.
जब केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी, तो उन्होंने एचइसी को रिवाइवल पैकेज एवं छह माह का वेतन दिलाया था. आज झारखंड के सभी भाजपा सांसद चाहते तो एचइसी की यह दुर्दशा नहीं होती.
उन्होंने कर्मियों के आंदोलन का समर्थन किया. विधायक राजेश कच्छप ने कहा कि एचइसी कर्मियों की मांगों को लेकर सड़क से लेकर विधानसभा तक आवाज उठायेंगे.
यहां के आदिवासी विस्थापित एचइसी कर्मियों को हक दिलाकर रहेंगे. आवश्यकता पड़ी तो अधिकारियों को कुर्सी पर बैठने नहीं देंगे.
समिति के मनोज पाठक ने कहा कि जब तक सप्लाई कर्मियों के लिए ठेकेदार की नियुक्ति, बकाया वेतन का भुगतान और पे-स्लीप नहीं मिलता है, तब तक कार्यालय में अधिकारियों को नहीं बैठने दिया जायेगा.
मौके पर दिलीप सिंह, भवन सिंह, हरेंद्र प्रसाद यादव, शारदा देवी, अजय नाथ शाहदेव आदि थे.