जनार्दन सिंह की रिपोर्ट
रांची : New Governor – नए राज्यपाल संतोष गंगवार बोले – 30-31 को पहुंचेंगे झारखंड। बरेली से आठ बार सांसद रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार इसी माह के आखिर में झाऱखंड पहुंचेंगे और राज्य के नए राज्यपाल के रूप में अपना कार्यभार संभालेंगे। न्यूज 22Scope से रविवार को हुई बाचचीत में उन्होंने कहा कि वह 30 या 31 जुलाई के बीच झारखंड की राजधानी रांची पहुंचेंगे। उससे पहले वह दिल्ली जाएंगे और राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री समेत तमाम वरिष्ठ भाजपा नेताओं से मिलेंगे। उसके बाद उनके झारखंड आने का कार्यक्रम अभी तक तय है।
नए राज्यपाल बोले – झारखंड की बेहतरी को रहेंगे तत्पर
अभी देश के सार्वजनिक उपक्रमों की समिति के अध्यक्ष के रूप में कार्यरत संतोष गंगवार यूपी भाजपा के दिग्गज नेताओं में गिने जाते हैं। अपने निर्वाचन क्षेत्र बरेली से आठ बार लोकसभा सदस्य निर्वाचित होने का रिकार्ड बनाया है। पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में वह पेट्रोलियम राज्य मंत्री रहे और बाद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार में केंद्रीय कपड़ा राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार रहे और बाद में केंद्रीय श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार रहे। अब झारखंड के राज्यपाल का उत्तरदायित्व मिलने पर पर प्रसन्नता जाहिर की है। उन्होंने कहा कि बतौर राज्यपाल झारखंड की बेहतरी के सदैव तत्पर रहेंगे और खनिज संपदा वाले राज्य के लोगों के सर्वांगीण विकास में राज्यपाल के रूप में अपना हरसंभव योगदान देंगे।
झारखंड का सतत उन्नयन ही नए राज्यपाल का ध्येय
नया पता झारखंड का राजभवन तय होने पर बरेली से लगातार आठ बार लोकसभा के लिए निर्वाचित होने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार अपने सरलता और मिलनसार व्यक्तित्व के लिए जाने जाते हैं। रविवार को उत्तराखंड के हलद्वानी से दोपहर के समय संतोष गंगवार बरेली स्थित अपने आवास भारत सेवा ट्रस्ट भवन पहुंचे। राज्यपाल के रूप में झारखंड के सतत उन्नयन में अपना योगदान देने की बात कहने वाले संतोष गंगवार ने न्यूज 22Scope से हुई वार्ता में कहा कि झारखंड पहुंच कर यहां के हालात को समझना और उस अनुरूप लोगों के साथ ही राज्य के विकास के लिए अपनी भूमिका पर विस्तार से बात करने की स्थिति में होंगे। बीते शनिवार देर रात राष्ट्रपति भवन की ओर से जारी अधिसूचना में संतोष गंगवार को राज्यपाल बनाए जाने की घोषणा की गई। वह झारखंड के मौजूदा राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन का स्थान लेंगे जो कि अब नई अधिसूचना के मुताबिक महाराष्ट्र के नए राज्यपाल बनाए गए हैं।
सियासत में मौन को अपनी आवाज बनाने में भरोसा रखते हैं संतोष गंगवार
शुरू से ही सियासत में भगवा सोच को जीने वाले संतोष गंगवार न केवल बरेली बल्कि पूरे बरेली मंडल के साथ ही यूपी में एक खास गुण के लिए अलग पहचान रखते हैं। उनके धुर विरोधी भी मानते हैं कि संतोष गंगवार हर बार मौन को अपनी आवाज बनाकर सियासत में आगे बढ़ने में विश्वास रखते हैं और हमेशा लोगों के लिए सुलभ रहना उनकी आदत में शुमार है। लोगों के हर दुख-सुख में शामिल होना और किसी की भी थाली में से जूठन उठाकर खाते हुए आत्मीयता से सामने वाले कुशलक्षेम पूछने का इनका चिरपरिचत अंदाज का हिस्सा रहा है। विपरीत से विपरीत हालात में भी वह यही कहते सुने गए हैं कि ‘मेरे लिए क्या करना है, यह पार्टी तय करे’ यानी भाजपा नेतृत्व जो भी जिम्मेदारी दी, उसे बखूबी निभाना इनके स्वभाव का हिस्सा रहा है। यही कारण रहा कि दुष्प्रचार का शिकार होकर वर्ष 2009 में एक बार चुनावी शिकस्त झेलने के बाद वर्ष 2017 में चुपचाप ऐसी बाजी मारी कि लोग देखते रह गए थे।

नई भूमिका के लिए अमित शाह, पीएम मोदी और सीएम योगी ने दिए थे संकेत
पार्टी का आदेश सर्वोपरि मानने वाले संतोष गंगवार को वर्ष 2024 में लोकसभा चुनाव में भाजपा ने नहीं उतारा तो भी यह मौन ही रहे। लेकिन उसी समय माना जाने लगा था कि अब उनके लिए संसद भवन से आगे बढ़ाने की तैयारी है। उसी समय से उनके राज्यपाल बनने की अटकलें लगाई जाने लगी थीं लेकिन खुद संतोष गंगवार ऐसी चर्चाओं को यह कहकर किनारे कर देते थे कि पार्टी ने मेरे लिए जो भी सोचा होगा, वह उचित ही होगा। वह सब्र किए बैठे थे और दिल्ली में शीर्ष भाजपा नेतृत्व उनकी नई भूमिका तैयार करने में जुटा था। उसका संकेत चुनावी जनसभाओं में दिया जाने लगा था। गत लोकसभा चुनाव के दौरान बरेली के हार्टमैन रामलीला ग्राउंड में 3 मई को हुई जनसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपने संबोधन में अकारण ही नहीं कहा था कि संतोष गंगवार के लिए पार्टी ने बड़ी जिम्मेदारी तय रखी है, वह बड़े नेता हैं, नई भूमिका में दिखेंगे।
उससे पहले गत फरवरी माह में पीलीभीत की चुनावी सभा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संतोष गंगवार को अपने बगल में बैठाया और बाद में बरेली में रोड शो के दौरान भी पीएम मोदी ने अपने ही वाहन में संतोष गंगावर को आत्मीयता के साथ अपने साथ रखा कारण भाजपा में सभी जानते हैं कि वह पिछड़ा वर्ग का बड़ा चेहरा हैं। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ भी बरेली की चुनावी जनसभा में बड़े ही आत्मविश्वास से कहा था कि यह चुनाव संतोष गंगवार के नेतृत्व में लड़ा जा रहा है और चुनावी मैदान में बतौर प्रत्याशी न होने बाद भी वह भाजपा के गढ़ कहे जाने वाले बरेली में जीत का परचम लहराए रखने में अहम भूमिका में रहे।
नतीजा यह रहा कि बरेली से भाजपा के छत्रपाल सिंह गंगवार सांसद बने और पूर्व सांसद हो चुके संतोष गंगवार का भाजपा संगठन में कद और बढ़ गया। पार्टी नेतृत्व ने माना कि मैदान के बाहर रहने के बावजूद विपरीत हालात में यूपी में बरेली सीट को बचाए रखने में संतोष गंगवार ने भूमिका निभाई। अब झारखंड के राज्यपाल के रूप में नियुक्ति उसी का परिणाम माना जा रहा है।