रांची. झारखंड हाईकोर्ट ने विवादित जमीन मामले में गिरिडीह उपायुक्त, धनवार थाना प्रभारी और धनवार अंचल अधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है और पूछा है कि क्यों न न्यायालय के आदेश की अवमानना के लिए गिरिडीह उपायुक्त, धनवार थाना प्रभारी और धनवार अंचल अधिकारी पर अवमानना वाद (कंटेंप्ट केस) शुरू किया जाए। साथ ही झारखंड हाईकोर्ट ने यह भी निर्देश दिया है कि अपना जवाब दो सप्ताह के अंदर न्यायालय में दाखिल करें। मामले में अगली सुनवाई 27 अगस्त 2024 को होगी।
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झारखंड हाईकोर्ट ने दिया था आदेश
दरअसल, 29 जुलाई 2024 को झारखंड हाईकोर्ट ने मामले में सुनवाई करते हुए दोनों पक्षों को विवादित जमीन पर यथा स्थिति बनाए रखने का आदेश दिया था, लेकिन इसके बावजूद धनवार अंचल अधिकारी और थाना प्रभारी धनवार ने विवादित जमीन पर कार्य जारी रखा। जब इसकी शिकायत उच्च न्यायालय में प्रार्थी के अधिवक्ता रंजन कुमार ने की तो उच्च न्यायालय में 5 अगस्त 2024 को इस केस में दोबारा सुनवाई हुई और हाईकोर्ट ने गिरिडीह उपायुक्त, धनवार थाना प्रभारी और धनवार अंचल अधिकारी को कारण बताओं नोटिस जारी किया है।
क्या है मामला
दरअसल, आरोप के अनुसार, 1965 में चूल्हन नायक, भूखल गोप, अनूप गोप और लीलो नायक को बिहार भूदान यज्ञ समिति के द्वारा तीन एकड़ तीन डिसमिल जमीन जीविको उपार्जन के लिए दिया गया था, जिसका जमाबंदी पंजी 2 में दर्ज है एवं इसकी रसीद भी वादीगण को प्राप्त होता रहा है। 2022 तक सब सही तरीके से चला रहा था, लेकिन 2023 में चूल्हन नायक, भूखल गोप, अनूप गोप और लीलो नायक के वंशजों को पता चला कि उनकी जमीन पर सरकारी योजना के तहत पानी टंकी का निर्माण कार्य किया जा रहा है। विस्तृत जानकारी मिलने के बाद यह पता चला कि अंचल अधिकारी धनवार, थाना प्रभारी धनवार थाना, मुखिया एवं पंचायत समिति के सदस्य के द्वारा षड्यंत्र रच कर बिहार भूदान यज्ञ समिति के द्वारा दी गई जमीन के ऊपर पानी टंकी का निर्माण किया जा रहा है। विरोध करने पर वादीगण के साथ मारपीट की गई और इन्हें थाने में दो दिनों तक बंद करके रखा गया और कुछ खाने को भी नहीं दिया गया। मजबूरन रामजी साह, उपेंद्र प्रसाद गुप्ता, इंद्रदेव यादव, मेघन महतो और राजेश साह चुपचाप घर में बैठ गए और एसडीम धनवार को 144 धारा के तहत आवेदन दिए।
इसी बीच अंचल अधिकारी ने धारा 4 h के तहत अपर समाहर्ता (एडिशनल कलेक्टर) को जमाबंदी जमाबंदी रद्द करने का निवेदन किया। अपर समाहर्ता (एडिशनल कलेक्टर) ने बिना वादीगण को सुने 29.12.2023 को जमाबंदी रद्द करते हुए यह आदेश पारित किया कि चूंकि चूल्हन नायक, भूखल गोप, अनूप गोप और लीलो नायक को यह जमीन कानूनी रूप से प्राप्त नहीं है एवं इनके पास जमीन से संबंधित वैद्य दस्तावेज भी नहीं है, इसलिए इनकी जमाबंदी को रद्द किया जाता है। अपर समाहर्ता के आदेश को झारखंड उच्च न्यायालय में रामजी साव, उपेंद्र प्रसाद गुप्ता, मेघन महतो, इंद्रदेव यादव और राजेश साह ने रिट याचिका दायर करने का फैसला किया।
जब रिट दायर करने की जानकारी अंचल अधिकारी धनवार और थाना प्रभारी धनवार थाना को मिली तो अंचल अधिकारी धनवार और थाना प्रभारी धनवार थाना में वादीगण को धमकी दी कि तुम लोग मेरे खिलाफ केस करोगे तो तुम लोगों को जहां देखेंगे वहीं पकड़ के जेल में डाल देंगे, जेल में सड़ते रहना। जब घटना की विस्तृत जानकारी झारखंड हाईकोर्ट को अधिवक्ता रंजन कुमार ने दी तो उच्च न्यायालय ने 29 जुलाई 2024 को सुनवाई करते हुए अंचल अधिकारी धनवार एवं थाना प्रभारी धनवार थाना को यह आदेश दिए कि वादीगण को झूठे मुकदमे में नहीं फंसाया जाए और ना ही इन्हें झूठे मुकदमे में इन्हें गिरफ्तार किया जाए। साथ ही कोर्ट ने पानी टंकी के निर्माण कार्य को तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी एवं मुखिया, पंचायत समिति के सदस्य, ठेकेदार कंपनी और नरेश वर्मा अंचल अधिकारी जिनका ट्रांसफर धनवार अंचल कार्यालय से दूसरे अंचल कार्यालय में हो गया था को नोटिस भेजने करने का आदेश वादीगण को दिया। इसके अतिरिक्त झारखंड हाईकोर्ट ने उपायुक्त गिरिडीह को यह आदेश दिया था कि चार सप्ताह में अपना जवाब प्रस्तुत करें। साथ ही झारखंड हाईकोर्ट ने अगली सुनवाई 27 अगस्त 2024 को रखी थी।