Wednesday, October 22, 2025
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Ghatsila by-election: उपचुनाव से पहले कुड़मी समाज का अल्टीमेटम, 15 दिन में मांगें नहीं मानी गई तो मतदान का करेंगे बहिष्कार

Ghatsila by-election: घाटशिला उपचुनाव से पहले झारखंड की सियासत में एक नया मोड़ आ गया है। कुड़मी समाज ने केंद्र और राज्य सरकार को 15 दिन का अल्टीमेटम देते हुए स्पष्ट कर दिया है कि अगर उनकी मांगों पर समय रहते चर्चा नहीं हुई, तो वे घाटशिला उपचुनाव का बहिष्कार करेंगे। कुड़मी समुदाय ने चेतावनी दी है कि यदि केंद्र और राज्य सरकार ने उनकी अनुसूचित जनजाति (ST) में शामिल किए जाने की मांग पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया, तो वे किसी भी राजनीतिक पार्टी को वोट नहीं देंगे।Ghatsila by-election: कुड़मी समाज की मांगें क्या हैं? कुड़मी समाज लंबे समय...

डीसी ने बेरमो के कई छठ घाटों का किया निरीक्षण, दिए कई दिशा-निर्देश

Bokaro: छठ महापर्व को लेकर प्रशासनिक तैयारियों का जायजा लेने के लिए उपायुक्त (डीसी) अजय नाथ झा ने बेरमो प्रखंड क्षेत्र के कई छठ घाटों का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान डीसी ने घाटों की साफ-सफाई, प्रकाश व्यवस्था, सुरक्षा प्रबंध और अन्य सुविधाओं की स्थिति की विस्तृत समीक्षा की। छठ घाटों का किया निरीक्षण , डीसी ने दिए दिशा-निर्देशः डीसी ने कहा कि छठ घाटों पर साफ-सुथरा और सुरक्षित माहौल बनाए रखना प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने सुरक्षा बलों की पर्याप्त तैनाती और बेहतर समन्वय सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। अजय नाथ झा ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों और सामाजिक संगठनों से...

मधेपुरा के बिहारीगंज में जदयू प्रत्याशी का स्थानीय कर रहे विरोध, जीत के बाद वापस नहीं आने पर दाग रहे सवाल

मधेपुरा के बिहारीगंज में जदयू प्रत्याशी का स्थानीय कर रहे विरोध, जीत के बाद वापस नहीं आने पर दाग रहे सवाल मधेपुरा : मधेपुरा जिले के बिहारीगंज विधानसभा क्षेत्र से जदयू प्रत्याशी और निवर्तमान विधायक निरंजन मेहता को जनता के विरोध का सामना करना पड़ रहा है। दो बार से लगातार विधायक रहे निरंजन मेहता पर स्थानीय लोगों का आरोप है कि वे सिर्फ चुनाव के समय ही क्षेत्र में नजर आते हैं और एनडीए के नाम पर वोट लेकर जीत जाते हैं।विधायक के खिलाफ खुलकर नारेबाजी कर हैं लोग जनता के बीच नाराजगी का आलम यह है कि उनके जनसंपर्क अभियान...

स्वतंत्रता दिवस समारोह में राहुल गांधी को पीछे मिली सीट, कांग्रेस ने उठाया सवाल

Desk. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से 78वें स्वतंत्रता दिवस पर झंडोत्तोलन किया। इसको लेकर भव्य समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें कई साल बाद लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष भी शामिल हुए। हालांकि इस समारोह में नेता प्रतिपक्ष की सीटिंग व्यवस्था को लेकर सरकार पर सवाल खड़े होने लगे हैं और कांग्रेस ने इसको लेकर सवाल खड़ा किया है।

स्वतंत्रता दिवस समारोह में राहुल को पीछे सीट मिलने पर कांग्रेस का हमला

इस पर कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने सवाल खड़ा किया है। उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट लिखकर मोदी सरकार पर हमला बोला है। पोस्ट में उन्होंने लिखा है, ‘छोटे मन के लोगों से बड़ी चीज़ों की उम्मीद करना बेमानी है। नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को स्वतंत्रता दिवस के समारोह में पाँचवीं लाइन में बिठा कर नरेंद्र मोदी ने अपनी कुंठा ज़रूर दिखाई, लेकिन इससे राहुल गांधी को कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता है।

आगे उन्होंने पोस्ट में लिखा है, ‘नेता प्रतिपक्ष की रैंक कैबिनेट मंत्री की होती है, सरकार के मंत्री पहली लाइन में बैठें थे, तो इन छुद्र मानसिकता वालों को लोकतंत्र और लोकतांत्रिक परंपराओं की भी कोई परवाह नहीं है। रक्षा मंत्रालय का बयान सरकार और बेनक़ाब कर रहा है। सच यह है कि राहुल गांधी से मोदी और उनके मंत्री आँखें चुराते हैं, और असहज हो जाते हैं. राहुल गांधी पाँचवीं लाइन में बैठें या पचासवीं, वो जननायक ही रहेंगे – लेकिन आपलोग इस तरह की गलीच हरकतें करना कब बंद करेंगे?’

स्वतंत्रता दिवस समारोह में राहुल गांधी को पीछे मिली सीट

दरअसल, विपक्ष के नेता राहुल गांधी को इस समारोह में फ्रंट रो में सीट नहीं दी गयी थी। इसकी को लेकर सवाल उठ रहा है। उन्हें ओलंपिक पदक विजेताओं के साथ दूसरी पंक्ति में पीछे जगह दी गयी थी, जिसकी तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है और इसको लेकर सवाल खड़ा किया जा रहा है।

सफेद कुर्ता-पायजामा पहने राहुल गांधी भारत की हॉकी टीम के फॉरवर्ड गुरजंत सिंह के पास बैठे नजर आए। आगे की पंक्तियों पर मनु भाकर और सरबजोत सिंह जैसे ओलंपिक पदक विजेता बैठे थे। ओलंपिक-कांस्य विजेता हॉकी टीम के कप्तान हरमनप्रीत सिंह और पीआर श्रीजेश सहित सदस्य भी राहुल गांधी से आगे बैठे थे।

स्वतंत्रता दिवस समारोह में विपक्ष के नेता को मिलती है फ्रंट रो सीट

प्रोटोकॉल के अनुसार, लोकसभा में विपक्ष के नेता, जिनका पद कैबिनेट मंत्री के बराबर होता है, उनको हमेशा आगे की पंक्ति में सीट दी जाती है। आगे की पंक्ति में भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण, शिवराज सिंह चौहान, अमित शाह और एस जयशंकर बैठे थे।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे की सीट भी पांचवीं पंक्ति में थी, लेकिन खड़गे नहीं आए। जानकारी के अनुसार, अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में भाजपा शासन के दौरान तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष सोनिया गांधी को हमेशा पहली पंक्ति में सीट आवंटित की जाती थी।

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