रांची: झारखंड में उत्पाद सिपाही की भर्ती के दौरान दौड़ने के बाद हो रही मौतों और बेहोशी की घटनाओं ने गंभीर चिंता पैदा कर दी है। हाल ही में, भर्ती प्रक्रिया के दौरान 40 अभ्यर्थी बेहोश हो गए हैं और 10 की मौत हो चुकी है। इन घटनाओं को लेकर बीजेपी ने सरकार पर आक्रामक रुख अपनाते हुए मृतक परिवारों को मुआवजा और सरकारी नौकरी की मांग की है।
सुप्रियो भट्टाचार्य ने इस स्थिति को अत्यंत गंभीर बताते हुए कहा कि ऐसी घटनाओं की जांच के लिए एक मेडिकल बोर्ड का गठन तत्काल आवश्यक है। उन्होंने विशेष रूप से कोरोना महामारी के बाद के प्रभावों की ओर इशारा करते हुए कहा कि लंग्स और अन्य अंगों पर कोविड-19 का साइड इफेक्ट संभावित कारण हो सकता है।
पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के कार्यकाल में भर्ती प्रक्रिया में बदलाव के चलते भी सवाल उठाए जा रहे हैं। पहले जहां रिटेन टेस्ट के बाद फिजिकल टेस्ट होता था, वहीं अब कम समय में अधिक अभ्यर्थियों को दौड़ाया जा रहा है, जिससे थकावट और स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ रही हैं।
भट्टाचार्य ने सुझाव दिया कि सरकार को पहले मेडिकल बोर्ड का गठन करना चाहिए ताकि मौतों और बेहोशी की घटनाओं के वास्तविक कारणों का पता चल सके। इसके बाद ही भर्ती प्रक्रिया को जारी रखा जाए।
सरकार ने संवेदनशीलता के साथ इन मुद्दों पर विचार करने की बात कही है, लेकिन इस समय प्राथमिकता समस्या का समाधान करना होना चाहिए।