रांची: तस्वीर सिर्फ दिखती नहीं है बोलती भी है, कहानी भी कहती है, नई तस्वीर उत्तर-पुर्व के राजा के घर से आई है जिसमें किरदार तो कई हैं पर मुखिया की कुर्सी पर हमारे पूर्व राजा बैठे हैं, जिन्होंने हमारे वर्तमान राजा पर अपमान का आरोप लगाया था।
लेकिन तस्वीर जो कहानी बता रही है कि हमारे पूर्व राजा को कहीं और से सम्मान मिलने लगा है और लगता है वह अपने अपमान को अब भूलने लगे हैं उनके चेहरे पर ऊर्जा भी दिख रही है जिससे वह राजनीति की नई इबादत लिखने की तैयारी कर रहे हैं अजीब है ना तस्वीर ऐसी कहानी बता रही है जो 6 महीने पहले संभव ही नहीं दिख रही थी ।
यह तस्वीर की ताकत जो हम आप आज नहीं समझ रहे हैं वह तस्वीर हमें आने वाले कल में समझाने के लिए तैयार बैठी है सवाल यह है की तस्वीर की ताकत केवल राजनीतिक परिस्थितियों में ही दिखती है या अन्य मामलों में भी तस्वीरे ने अपनी ताकत दिखाई है।
याद है ना एक और तस्वीर की जिसमें हमारे राजा जो हमारे एक और पूर्व राजा (वर्तमान राजा के पिता) से मुलाकात की थी वह तस्वीर जो इबादत लिख रही थी उसका आज प्रतिफल दिख रहा है लेकिन यह इबादत पारिवारिक थी इसलिए यह कहना गलत होगा कि तस्वीर केवल राजनीतिक महत्वाकांक्षा में ही अपनी ताकत दिखती है।
इसलिए तस्वीर की ताकत को न मानना सही नहीं है झारखंड की राजनीति में ही हम तस्वीर की ताकत को पिछले 10 महीना में देख चुके हैं कब कौन सी तस्वीर कौन सी कहानी कह दे यह कोई नहीं कह सकता।
फिलहाल हम वर्तमान तस्वीर की बात करें तो यह जो नई कहानी लिख रही है उसका परिणाम अगले साल 5 जनवरी तक देखने को मिल सकता है तब हमारे पूर्व राजा जो अपमान पाकर सम्मान के लिए परिवार के मुखिया की गद्दी पर आज बैठे हुए हैं तब क्या करेंगे यह देखने वाला विषय होगा