Paris Paralympics: भारत के पैरालंपिक दल ने पेरिस 2024 खेलों में अपने अब तक के सबसे सफल अभियान का समापन किया, जिसमें सात स्वर्ण, नौ रजत और 13 कांस्य सहित 29 पदक हासिल किये। भारत इस पैरालंपिक में समग्र पदक तालिका में 18वें स्थान पर रहा, जिसने अपने पिछले रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया।
Highlights
Paris Paralympics: भारत का जबरदस्त प्रदर्शन
पेरिस पैरालंपिक आज रविवार को समाप्त हो गया है। अंतिम दिन महिलाओं की कयाक 200 मीटर में पूजा ओझा फाइनल के लिए क्वालीफाई करने से चूक गईं। इसके बावजूद, भारत ने कई खेलों में उल्लेखनीय प्रदर्शन कर स्विट्जरलैंड, दक्षिण कोरिया, बेल्जियम और अर्जेंटीना जैसे शक्तिशाली देशों को हराया।
Paris Paralympics: अंतिम पदक नवदीप ने दिलाया
भारत को 29वां और अंतिम पदक नवदीप सिंह ने दिलाया। उन्होंने शनिवार को पुरुषों की भाला फेंक एफ41 वर्गीकरण में स्वर्ण पदक जीता। हालांकि नवदीप ने 47.32 मीटर थ्रो के साथ चीन के सन पेंगज़ियांग को पीछे छोड़ते हुए रजत पदक हासिल किया था, लेकिन बाद में ईरान के बेइत सादेघ को आचार संहिता के उल्लंघन के लिए अयोग्य घोषित किए जाने के बाद नवदीप के पदक को स्वर्ण में अपग्रेड कर दिया गया।
वहीं सिमरन शर्मा ने अपने गाइड अभय सिंह के साथ महिलाओं की 200 मीटर (टी12) स्पर्धा में कांस्य पदक जीता। निशानेबाज अवनि लेखारा ने महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल स्टैंडिंग एसएच1 में अपने टोक्यो 2020 खिताब का बचाव करते हुए इस बार भी पैरालंपिक में स्वर्ण पदक जीता। पैरा-बैडमिंटन में थुलासिमथी मुरुगेसन ने महिला एकल एसयू5 में रजत पदक हासिल कर इस खेल में पदक जीतने वाली पहली भारतीय बनी।
Paris Paralympics: हरविंदर सिंह ने रचा इतिहास
सुमित अंतिल ने पुरुषों की भाला फेंक F64 में दबदबा बनाया। बार-बार विश्व रिकॉर्ड तोड़ते हुए टोक्यो 2020 से अपने खिताब का बचाव किया। 17 साल की युवा तीरंदाज शीतल देवी मिश्रित टीम कंपाउंड ओपन स्पर्धा में कांस्य जीतकर सबसे कम उम्र की भारतीय पैरालंपिक पदक विजेता बनी। वहीं हरविंदर सिंह ने तीरंदाजी में भारत के पहले पैरालंपिक स्वर्ण पदक विजेता बनकर इतिहास में अपना नाम दर्ज कराया। पुरुषों की क्लब थ्रो F51 स्पर्धा में धरमबीर ने 34.92 मीटर के एशियाई रिकॉर्ड थ्रो के साथ स्वर्ण पदक जीता, जबकि प्रणव सूरमा ने रजत पदक जीता।