डिजीटल डेस्क : Boycott – दुर्गापूजा के लिए बंगाल में सरकारी अनुदान लेने से क्लबों का इंकार, वजह – RG Kar Case। राज्य की Mamata Banerjee सरकार के खिलाफ कोलकाता के RG Kar मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मेडिकल छात्रा के रेप और मर्डर की घटना को लेकर आम जनमानस में रोष लगातार गहराता जा रहा है।
दुर्गोत्सव और शारदीया नवरात्र के दौरान दुर्गा पूजा के लिए जिस बंगाल की पूरी दुनिया में अलग साख और पहचान है, उसी दुर्गापूजा और दुर्गोत्सव में भी इस बार Mamata Banerjee सरकार के खिलाफ तमाम आयोजको का गुस्सा साफ झलक रहा है।
बृहगंम तरीके से पूरे तामझाम के साथ दुर्गोत्सव के आयोजन के लिए राज्य सरकार की ओर से दिए जाने वाले अनुदान का इस बार बहिष्कार (Boycott) की झड़ी लग गई है। एक के बाद एक क्लबों की ओर इस बार सरकारी अनुदान न लिए जाने की घोषणा की जा रही है।
इसके पीछे सभी ने वजह के रूप में RG Kar Case को ही बताया है जो पूरे मामले में Mamata Banerjee सरकार के लिए गहरा धक्का या Setback माना जा रहा है।
महिलाओं का ऐलान – इस बार दुर्गोत्सव नहीं, सिर्फ दुर्गा पूजन होगा
इस बार मुख्यमंत्री Mamata Banerjee ने हर क्लब को दुर्गा पूजा मनाने के लिए 85-85 हजार रुपये का अनुदान देने की घोषणा की गई थी लेकिन न केवल राजधानी कोलकाता बल्कि पूरे पश्चिम बंगाल के अलग-अलग हिस्सों से इस अनुदान का खुले तौर पर Boycott किया जा रहा है।
इसमें आयोजक क्लबों की महिला सदस्य काफी मुखर हैं। सभी Mamata Banerjee सरकार से RG Kar Case में मृत मेडिकल छात्रा के लिए इंसाफ की मांग कर रही हैं। यहीं नहीं, क्लबों की सदस्य महिलाएं RG Kar कांड के विरोध में घोषणा कर रही है कि इस बार शारदीया नवरात्र में दुर्गा पूजा का आयोजन होगा लेकिन दुर्गोत्सव नहीं मनेगा।
आडंबर या दिखावे से पूरा परहेज किया जाएगा एवं हर बार की तरह इस बार का आयोजन बृहंगम न होकर सादगीपूर्ण होगा ताकि RG Kar Case के परिप्रेक्ष्य में आमजनमानस का Mamata Banerjee सरकार का मूड झलके एवं RG Kar Case की पीड़िता के लिए यह इंसाफ की मांग का जनतांत्रिक तरीका भी होगा।
Mamata Banerjee सरकार के अनुदान का Boycott करने वाले क्लबों में कोलकाता के अलावा उत्तर और दक्षिण 24 परगना, हुगली, हावड़ा और दार्जिलिंग वाले भी शामिल हैं।
दक्षिणेश्वर इलाके के क्लब ने भी लौटाया अनुदान, थाने में जाकर सौंपा पत्रक भी
इसी क्रम में पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में मां काली के उपासना स्थल के रूप में कालीघाट के रूप में आध्यात्मिक महत्व रखने वाले दक्षिणेश्वर इलाके में भी Mamata Banerjee सरकार के अनुदान का खुला विरोध देखने को मिला है।
बीते 23 सालों से लगातार दुर्गोत्सव का आयोजन करते आ रहे दक्षिणेश्व बिजोय संघ बीते 2 साल लगातार Mamata Banerjee सरकार की ओर से मिलने वाला अनुदान लेता आ रहा था लेकिन इस बार अनुदान राशि न लेने का ऐलान कर दिया है।
लोकल थाने में जाकर क्लब के सदस्यों ने अपने फैसले संबंधी बनाया गया पत्र भी सौंप दिया गया जिस पर क्लब के पदाधिकारियों के हस्ताक्षर हैं।
क्लब की ओर से रनिता बंदोपाध्याय ने मीडिया से कहा कि – ‘क्लब के सभी सदस्यों ने मिलकर निर्णय लिया है तब तक RG Kar Case की पीड़िता को इंसाफ नहीं मिल जाता तब तक कोई सरकारी अनुदान नहीं लिया जाएगा।
अन्य क्लबों से भी अपील है कि इस मामले में बिना किसी सियासी चश्मे से देखते हुए पहल करें क्योंकि RG Kar में हुआ वह पूरी दुनिया में कोलकाता के लिए लज्जा और सिर्फ लज्जा ही है।
पीड़िता केवल किसी के परिवार की नहीं, पूरे शहर और राज्यवासियों के परिवार की बेटी या बहन है और इसे इसी रूप में लेते हुए सभी क्लब अपनी आवाज लोकतांत्रिक तरीके से उठाएं, कोई उस पर टीका-टिप्पणी नहीं करेगा’।
सिलीगुड़ी में महिलाओं के क्लब ‘आह्वान’ ने भी लौटाया Mamata सरकार का अनुदान
उत्तर बंगाल में सिलीगुड़ी सियासी और सांस्कृतिक लिहाज से राज्य का महत्वपूर्ण केंद्र है। कोलकाता के RG Kar Case की गूंज वहां भी है। वहां भी महिलाएं मुखर हैं और खुलकर Mamata Banerjee सरकार के खिलाफ इस मुद्दे पर सामने आईं हैं।
सिलीगुड़ी के हाकिमपाड़ा में मूल रूप से केवल महिला सदस्यों की ओर से संचालित आह्वान नामक दुर्गा पूजा क्लब ने इस बार दुर्गा पूजा के आयोजन के लिए सरकारी अनुदान को लौटा दिया है। इस क्लब की ओर बीते 21 सालों से दुर्गा पूजा का आयोजन होता रहा है लेकिन इस बार आयोजन RG Kar Case के परिप्रेक्ष्य में सादगीपूर्ण ढंग से सीमित रूप में करने का फैसला हुआ है।
आह्रवान क्लब की ओर से मानसी डे ने मीडिया को बताया कि – ‘RG Kar Case मामले में पीड़िता के लिए समुचित इंसाफ की मांग पर हमारे क्लब ने इस बार दुर्गा पूजा पर दिए गए Mamata Banerjee सरकार का अनुदान लौटा दिया है।
पूरी दुनिया में इस घटना को लेकर लोग जिस तरह इंसाफ की मांग पर आंदोलित हैं और लगातार सड़कों पर निकल रहे हैं, हमारा क्लब उसका पूर्ण रूप से समर्थन करता है।
हर बार तो दुर्गापूजा के दौरान हमारे क्लब की ओर से काफी तामझाम होता रहा है लेकिन RG Kar Case की लोमहर्षक घटना को देखते हुए क्लब के किसी भी सदस्य का मन वैसे आयोजन को तैयार नहीं है।
इस बार पीड़िता के लिए इंसाफ की मांग पर कम बजट में सादगीपूर्ण आयोजन करना तय हुआ है और पीड़िता को इंसाफ मिल जाए तो वह हम सभी के लिए दुर्गोत्सव से कम नहीं होगा’।