पटना : बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बिहार सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि सरकार उनका जासूसी करवा रही है। इसको लेकर स्वास्थ्य मंत्री मंत्री मंगल पांडे ने कहा कि जैसे दवा एक्सपायर हो जाता है ना तो उस दवा का कोई काम नहीं रह जाता है। दवा अनुपयोगी हो जाता है। इस तरह जिस सज्जन का नाम आपने लिया वो राजनीति में एक्सपायर दवा की तरह हो गए हैं। अनुपयोगी हो गए हैं। क्योंकि उनको बहुत कम उम्र में बिहार की जनता ने देख लिया है।
मंगल पांडे ने कहा कि पिता लालू प्रसाद यादव की परछाई से वह बाहर निकल नहीं पाए। पिता की छाया में ही राजनीति करके आगे बढ़े हैं। पिता ने जिस पदचिन्ह को राजनीति में छोड़ा था। जैसे अपराध, गुंडागर्दी, अपराधियों को समर्थन, भ्रष्टाचार और परिवारवाद इस रास्ते पर वह आगे बढ़े हैं तो जनता उनको रिजेक्ट कर चुकी हैं। वह एक्सपायर दवा की तरह अनुपयोगी हो गए हैं। राजनीति में वह क्या बोलते हैं, क्या करते हैं, इसका मेन मतलब अब नहीं है। बिहार की जनता का साफ संदेश है। लोकसभा चुनाव जनता ने एनडीए के पक्ष में वोट किया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नेतृत्व पसंद है। बाकी राजनीति करना है तो घूमते रहें।
वन नेशन वन इलेक्शन पर मंगल पांडे ने कहा कि यह काफी गंभीर विषय है। पूरे देश में सभी राजनीतिक दलों के बीच इस पर विचार विमर्श चल रहा है। विचार विमर्श पूर्व में भी हुआ है। सभी राजनीतिक दलों का सुझाव लिया गया है। देश के पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक समिति गठन हुआ है। उस समिति ने एक रिपोर्ट तैयार किया था और सभी राजनीतिक दलों से विचार विमर्श करने के उपरांत जो विचार बनेगा, जो सुझाव आएगा उसके आलोक में कोई भी निर्णय होगा।
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पटना में वक्फ विधेयक संसोधन बिल को लेकर अल्पसंख्यकों की बैठक हुई थी। जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर इस कानून को जबरदस्ती थोपा जाएगा तो अल्पसंख्यक समाज सड़कों पर उतरेगा। कृषि बिल की तरह सरकार को इस कानून को वापस लेना होगा। इस सवाल के जवाब में मंगल पांडे ने कहा कि हमने इसको सुना नहीं है। लेकिन अगर यह उनकी भाषा है तो यह ठीक नहीं है। यह लोकतांत्रिक और प्रजातांत्रिक देश है। संविधान से देश चलता है। संविधान की व्यवस्थाएं हैं। संविधान के व्यवस्था में जब कभी सुधार की जरूरत पड़ी है तो सुधार किए गए हैं। हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कई सुधार हुए हैं। आगे भी जिन सुधारों की जरूरत होगी तो हम सुधार की तरफ आगे बढ़ेंगे।
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विवेक रंजन की रिपोर्ट