Natural Disasters में मारे गए लोगों को पिंडदान, पहले करते थे पिता अब करते हैं पुत्र

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गया: विश्व प्रसिद्ध पितृपक्ष मेला-2024 में देश विदेश से लाखों की संख्या में तीर्थयात्री गयाजी पहुंच रहे हैं और अपने पितरों की मोक्ष कामना को लेकर विभिन्न पिंड वेदियों पर पिंडदान व श्राद्ध कर्मकांड कर रहे हैं। इसी क्रम में शहर के विष्णुपद मोहल्ला के रहने वाले चंदन कुमार सिंह ने प्राकृतिक आपदा में मारे गए लोगों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान व तर्पण कर्मकांड किया।

उन्होंने फल्गु नदी के तट पर स्थित देवघाट पर पूरे विधि विधान के साथ कर्मकांड किया। पिंडदान की प्रक्रिया स्वामी वेंकटेश प्रपन्नाचार्य ने संपन्न कराया। इस मौके पर चंदन कुमार सिंह ने कहा कि हमारे पिता सुरेश नारायण प्राकृतिक आपदा में मारे गए लोगों का पिंडदान वर्ष 2001 से करना शुरू किये थे। पिता जी की मृत्यु के पश्चात 2014 से प्राकृतिक आपदा, जघन्य अपराध में मारे गए लोग या ऐसे लोग जिनका इस दुनिया में कोई नहीं है और उनकी मृत्यु हो गई है, ऐसे लोगों का हम सामूहिक पिंडदान करते आ रहे हैं।

उन्होंने कहा कि यह पिंडदान बाबू सुरेश नारायण मेमोरियल ट्रस्ट के तत्वाधान में कराया गया है। पहले हमारे पिता ऐसे लोगों का सामूहिक पिंडदान करते थे। पिता की मृत्यु के बाद अब हम आपदा में मारे गए लोगों का पुत्र बनाकर पिंडदान व श्राद्ध कर्मकांड की प्रक्रिया को संपन्न कर रहे हैं। हाल के दिनों कोलकाता में जघन्य अपराध के दौरान मारी गई महिला डॉक्टर की आत्मा के शांति लिए भी हमने तर्पण कर्मकांड किया है। आगे भी हमारा यह कार्य जारी रहेगा।

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गया से आशीष कुमार की रिपोर्ट

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