Thursday, July 31, 2025

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बच्चों की शिक्षा पर CM Yogi का फोकस, बोले – कोई बच्चा ना छूटे, सबको कुछ न कुछ स्किल सिखाएं

डिजीटल डेस्क: बच्चों की शिक्षा पर CM Yogi का फोकस, बोले – कोई बच्चा ना छूटे, सबको कुछ न कुछ स्किल सिखाएं। गोरखपुर में रविवार को गुरुकुल स्कूल के कार्यक्रम में पहुंचे उत्तर प्रदेश के CM Yogi आदित्यनाथ ने विकसित भारत के सपने को साकार करने के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य और उद्यमिता पर बल दिया।

बताया कि खुद उनकी सरकार भी फोकस इसी पर है। अपने संबोधन में CM Yogi ने कहा कि – ‘कोई भी बच्चा ऐसा नहीं होना चाहिए जो अपने को शिक्षा से वंचित पाए या माने। पढ़ने वाले बच्चों को अब कुछ न कुछ स्किल के साथ जोड़ना है।

क्योंकि अब नौकरी के साथ-साथ हमें उद्यमिता को प्रोत्साहित करना पड़ेगा। हमे हर हाल में यह करना ही पड़ेगा तभी विकसित भारत का संकल्पना साकार हो पाएगा।

सरकार हर एक बच्चे को उत्तम शिक्षा देने के लिए प्रतिबद्ध है तो प्रत्येक नागरिक को स्वास्थ्य की बेहतर सुविधा भी देने के लिए प्रतिबद्ध है

बोले CM Yogi – जब भी विषमता होगी, खामियाजा देश भुगतेगा

गुरुकुल के कार्यक्रम में ही CM Yogi ने आगे कहा कि – ‘खास तौर पर शिक्षा या स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक बड़ा तबका ऐसा है जो आधुनिक शिक्षा अर्जित करने में आज भी वंचित रह जाता है।

आखिर उन बच्चों का भी अधिकार होना चाहिए कि वे समय के अनुरूप स्मार्ट क्लास और डिजीटल लाइब्रेरी देख सकें। अच्छी लैब्स देख सकें। आधुनिक ज्ञान के बारे में भी जानकारी ले सकें।

हम सब इस समाज के हिस्सा हैं। कोई भी अपने आप को इससे अलग नहीं कर सकता है।

समाज में जब भी विषमता होगी, उसका खामियाजा अंतत पूरे देश को भुगतना पड़ता है। ये विषमता सामाजिक हो या आर्थिक – हर हाल में इसे दूर करने के लिए हमें आगे आना होगा। क्योंकि विषमता हमेशा लोगों को तमाम संकीर्णताओं के दायरे में समेट करके रखती है और एक बड़े तबके को सुविधाओं से वंचित करके रखती है।

यह हमारा प्रयास होना चाहिए कि चाहे वह सामाजिक विषमता हो या आर्थिक – इसको जितना न्यूनतम करने में हम योगदान दे सकते हैं, हमें उसमें उतना लोगों को योगदान देने को तत्पर रहना चाहिए

गोरखपुर के गुरुकुल स्कूल में रविवार को सीएम योगी आदित्यनाथ और सांसद रवि किशन शुक्ला।
गोरखपुर के गुरुकुल स्कूल में रविवार को सीएम योगी आदित्यनाथ और सांसद रवि किशन शुक्ला।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति महज औपचारिकता नहीं, विकसित भारत अभियान का अंग है…

अपनी बात को और स्पष्ट करते हुए सीएम योगी ने आगे समझाया कि ‘…यही कारण है कि प्रधानमंत्री मोदी जी ने 2020 में जब पूरी दुनिया सदी की सबसे बड़ी महामारी कोरोना की चपेट में थी तब भारत न केवल कोरोना प्रबंधन के लिए बेहतरीन प्रयास कर रहा था बल्कि आने वाली पीढ़ी को तैयार करने के लिए एक नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू कर रही थी।

ये राष्ट्रीय शिक्षा नीति प्रत्येक छात्र के सर्वांगीण विकास से जुड़ी हुई है। ये केवल एक औपचारिकता नहीं है बल्कि देश को विकसित भारत के रूप में स्थापित करने के अभियान का एक अंग है। वि

कसित भारत की परिकल्पना को साकार करने के लिए आज जो प्रयास प्रारंभ हुए हैं उनमें शिक्षा की भूमिका क्या होनी चाहिए – यह बेसिक शिक्षा से लेकर के उच्च शिक्षा तक, टेक्निकल एजूकेशन से लेकर के मेडिकल और वोकेशनल एजूकेशन तक हम आज की आवश्यकता के अनुरूप पाठ्यक्रम बच्चों को प्रदान कर सकें।

जहां शिक्षा में इसके लिए केंद्र और राज्य सरकार की ओर से बेहतर प्रयास प्रारंभ किए गए हैं, वहीं स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी बहुत सारे प्रयास प्रारंभ हुए। चाहे वह प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हो, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हो या जिला चिकित्सालय हो – इनके सुदृढ़ीकरण की कार्रवाई हो या एक जनपद एक मेडिकल कॉलेज की कार्यवाही आगे बढ़ाने का।

आज आप देख रहे होंगे कि उत्तर प्रदेश के अंदर हम लोग 10 करोड़ लोगों को 5 लाख रुपये सालाना आयुष्मान भारत सुविधा का लाभ प्रदान कर रहे हैं। आज से 7 वर्ष पहले यह कठिन कार्य था। लोग उपचार के अभाव में दम तोड़ते थे। स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में किया जाने वाले ये प्रयास विकसित भारत की संकल्पना के लिए ही है’

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