बिश्रामपुर: झारखंड के पलामू जिले में राजनीतिक रंगमंच सज चुका है, और अब सभी अभिनेता अपनी-अपनी भूमिका में जुट गए हैं। इंडिया ब्लॉक का गठबंधन टूटने के बाद, बिश्रामपुर और छतरपुर विधानसभा सीटों पर कांग्रेस और राजद के नेता अपने-अपने सिंबल पर नामांकन भर रहे हैं। मानो जैसे चुनावी महासमर में सभी ने दोस्ताना संघर्ष का नया संस्करण तैयार कर लिया हो!
बिश्रामपुर में कांग्रेस ने सुधीर चंद्रवंशी को उतारा है, जबकि राजद ने रामनरेश सिंह को। दोनों दलों के बीच की तकरार कुछ वैसी ही है, जैसे दोस्ती के नाम पर एक-दूसरे के कंधे पर हाथ रखकर फोटो खिंचवाने वाले लोग—सभी मुस्कुरा रहे हैं, लेकिन मन में कुछ और चल रहा है।
छतरपुर में भी यही हाल है। कांग्रेस ने करीब 20 वर्षों के बाद राधाकृष्ण किशोर को मैदान में उतारा है, जबकि राजद ने 2019 में दूसरे स्थान पर रहे विजय राम को फिर से चांस दिया है। यहां भी दोस्ताना संघर्ष का माहौल है, लेकिन यह नजारा एक तरह से कुश्ती का अखाड़ा बन गया है, जहां हर कोई अपने लिए जीत हासिल करने की कोशिश में है।
हुसैनाबाद की स्थिति तो और भी दिलचस्प है। वहां अभी तक किसी ने भी अपनी चाल नहीं चली है, लेकिन कांग्रेस और राजद के नेताओं को विश्वास है कि पार्टी नेतृत्व जल्द ही कुछ बड़ा ऐलान करेगा। जैसे चुनावी महासभा में सभी की नज़रें एक ही मंच पर टिकी हों, लेकिन कोई भी सामने आने से कतराता हो।
भाकपा माले के अविनाश रंजन ने तो अपने नामांकन को वापस ले लिया, मानो उन्होंने किसी महागठबंधन की रिहर्सल में भाग लिया हो। उनका कहना है कि वे गठबंधन को मजबूत करने के लिए ऐसा कर रहे हैं। यह तो वही बात हो गई कि शादी के मंडप में खड़े दूल्हे ने कहा, “मैं अब तैयार नहीं हूं, चलो अगले बार सही समय पर देखते हैं!”
पलामू जिला कांग्रेस के अध्यक्ष जैश रंजन पाठक उर्फ बिट्टू पाठक का कहना है कि इंडिया ब्लॉक सभी जगह मजबूत है। लेकिन सवाल यह है कि मजबूत होने का प्रमाण कब और कैसे पेश होगा? क्या चुनावी मौसम में सभी दल एक बार फिर दोस्ताना संघर्ष के नाम पर मैदान में उतरेंगे या फिर अपने-अपने सिंबल के पीछे छिप जाएंगे?
आने वाले 28-29 अक्टूबर के बीच कुछ महत्वपूर्ण निर्णय की उम्मीद है। लेकिन क्या यह निर्णय केवल एक शोभा की तरह होगा या वास्तव में किसी बदलाव का संकेत देगा? देखना होगा कि इस नाटक का अंत कैसे होता है—क्या दोस्ताना संघर्ष जीतता है या फिर राजनीति के ताने-बाने में कोई नया मोड़ आता है!