Ranchi : झामुमो कैंप कार्यालय में आज इंडिया गठबंधन की संयुक्त प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया। इस प्रेस वार्ता में कांग्रेस से विनय सिन्हा, राजद से कैलाश यादव कऔर भाकपा माले से शुभेंदु सेन शामिल हुए। आज हमलोग ने चुनाव आयोग को एक ज्ञापन सौंपा, इंडिया गठबंधन के लोग है।
Ranchi : दो दलित अफसरो को साजिश के तहत स्थानांतरित किया
भारत चुनाव आयोग को कुछ आपत्ती दर्ज की। अचानक से फरमान आया कि देवघर के एसपी को वहां से स्थानांतरित कर दिया गया। रांची के डीसी मंजूनाथ भजंत्री को भी स्थानांतरित कर दिया गया। निशिकांत दुबे ने इन दो व्यक्तियों पर लोकसभा चुनाव के तौर पर सवाल खड़े किए थे। एक प्रत्याशी के तौर पर किसी अधिकारी से हमें उस पर कोई आपत्ति नहीं है।

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अब निशिकांत दुबे कुछ नहीं है। अब यह साफ है कि आदिवासी और दलित को उनके पद से हटाया जाए ऐसा बीजेपी चाहती है। अभी संताल में सोहराई, गुरु परब है और कई पर्व है। इस चुनाव को बीच में कराया गया ताकी प्रशासन को पंगु बनाया जाए। अभी जो पुलिस और प्रशासन के लोग है वो सब छुट्टी लेते हैं। वैसे समय में पूरे सामाजिक व्यवस्था, आस्था पर निशाना साधा जा रहा है।
पहला चरण का मतदान 13 को होना है। जहां चुनाव हो रहा है जमशेदपुर और रांची से लोग बिहार और यूपी जाते है और वो वापस नहीं आ पाएंगे। किस तरह से बीजेपी को मौका मिले। एक सीएम अपने राज्य को छोड़कर यह दिवाली मनाता है। यह दर्शाता है कि कितना दिवाला पन है बीजेपी में।
चुनाव आयोग एक पक्षीय काम कर रहा है
हेमंत सोरेन के नामांकन को स्वीकार कर लिया गया है। चुनाव की प्रक्रिया के बीच में किसी प्रकार की बाधा उत्पन्न नहीं होगी। एक सीएम ट्वीट करता है कि हेमंत सोरेन के उम्र 5 साल में 7 साल कैसे बढ़ गया। हमारा जो उम्र का बेसलाइन एक जन्म प्रमाण पत्र और मैट्रिक सर्टिफिकेट को माना गया है। जबकि इनको मालूम नहीं है कि उनके नामांकन को स्वीकार कर लिया गया है।
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नामांकन स्वीकृत होने के बाद चुनाव प्रक्रिया में किसी प्रकार की बाधा नहीं होगी। ऐसा बचपना इन्होंने कोडरमा में भी किया था। यह सब चुनाव आयोग एक पक्षीय काम कर रहा है और उनके साथ सांठ-गांठ साफ दिख रहा है। कांग्रेस, झामुमो जो नेतृत्व कर रही है गठबंधन की। एक सांसद ने दबाव बनाकर के दो वरिष्ठ पदाधिकारी को हटाया गया। ये कोई बड़ा रूप ना ले सभी ने 15 तारीख के बाद चुनाव कराने की बात रखी थी।
भाजपा सरकार EC पर दवाब बना रही है
केंद्र की भाजपा सरकार EC पर दवाब बना रही है। राजद के गठबंधन की सरकार बनने जा रही है, जनता ने बीजेपी की आवाज़ को खारिज कर दिया है। माले केंद्रीय चुनाव आयोग की निष्पक्षता की जहां तक सवाल है यह सिर्फ इंडिया गठबंधन की चिंता का विषय नहीं है। आम लोग भी चुनाव आयोग के कार्यशाली पर सवाल उठा रहे हैं। हम अपनी प्रक्रिया को पूरा करते जा रहे हैं।
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प्रधानमंत्री और गृह मंत्री आते थे तो करोड़ों का जिक्र करते थे। जिसपर जिक्र करते थे उस पर आयकर विभाग का कोई मामला नहीं आया। यदि एक स्कूल में इतना है तो उस विधानसभा के एक यूनिवर्सिटी में कितना होगा। एक विधानसभा में 1 करोड़ 14 लाख मिलने के कारण क्या है। यदि एक विधानसभा में इतना खर्च करने का टारगेट है तो भाजपा की पूरे चुनाव में खर्च करने का कितना टारगेट है। प्रधानमंत्री चुनाव के लिए आ रहे कोई देश सेवा के लिए नहीं वो वह तो भाजपा के स्टार प्रचारक के रूप में आ रहे हैं।
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