रांची: पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य से आलू की सप्लाई पर रोक लगाने का आदेश दिया है, जिससे झारखंड और पश्चिम बंगाल के बीच स्थित बॉर्डर पर पुलिस की सक्रियता बढ़ गई है। बुधवार रात से ही बंगाल पुलिस ने झारखंड सीमा से आलू लदे ट्रकों की जांच शुरू कर दी है और इन ट्रकों को वापस बंगाल के गोदामों में भेजने का सिलसिला जारी है। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने यह सख्त निर्देश दिया है कि राज्य से आलू का कोई भी ट्रक बाहर न जाए, ताकि राज्य में आलू की बढ़ती कीमतों पर नियंत्रण पाया जा सके।
इसके बाद से ही झारखंड-बंगाल बॉर्डर पर कुल्टी थाना क्षेत्र के डुबूडीह चेकनाका पर पुलिस द्वारा जांच अभियान तेज कर दिया गया है। गुरुवार को भी दर्जनों ट्रकों को पुलिस ने वापस लौटा दिया, जबकि कई ट्रक बॉर्डर पर खड़े थे। इस आदेश के कारण आलू के ट्रांसपोर्टेशन में परेशानी का सामना कर रहे ड्राइवरों ने कहा कि पुलिस द्वारा अचानक सख्ती बढ़ाने के कारण उन्हें अपने ट्रकों को वापस भेजने का आदेश दिया जा रहा है।
आलू लदे ट्रक ड्राइवरों का कहना है कि उन्हें जिस गोदाम से आलू लोड करने के लिए भेजा गया था, अब वहीं वापस भेजा जा रहा है। इससे माल के खराब होने का खतरा उत्पन्न हो गया है, क्योंकि आलू को लंबे समय तक ट्रकों में रखे जाने से उसकी गुणवत्ता प्रभावित हो सकती है।
पश्चिम बंगाल सरकार का यह कदम राज्य में आलू के बढ़ते दामों को नियंत्रित करने के लिए उठाया गया है। बंगाल सरकार का तर्क है कि राज्य में आलू का पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध है, इसलिए इसे अन्य राज्यों में भेजने की आवश्यकता नहीं है। हालांकि, इस आदेश के कारण झारखंड में आलू के दाम में वृद्धि हो सकती है, क्योंकि राज्य में अब आलू की कमी की आशंका पैदा हो गई है।
इस स्थिति ने दोनों राज्यों के बीच व्यापारिक तनाव को बढ़ा दिया है और स्थानीय व्यापारियों और उपभोक्ताओं में असंतोष पैदा किया है। अब यह देखना होगा कि पश्चिम बंगाल सरकार के इस कदम का झारखंड पर और राज्य के आलू बाजार पर क्या असर पड़ेगा।