डिजिटल डेस्क : संसद में आज 11 बजे पेश होने वाले Budget 2025 पर टिकी देश की निगाहें। संसद में आज दिन के 11 बजे पेश होने वाले Budget 2025 पर देश की निगाहें टिकी हुई हैं। भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण लगातार आठवीं बार बजट पेश करेंगी। मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के लिए बजट 2025 कई मायनों में चुनौतीपूर्ण रहने वाला है।
वैश्विक चुनौतियों के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास यात्रा को बनाए रखना सरकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। दूसरी ओर, देश का आम आदमी बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी और करों के बोझ से राहत की उम्मीद कर रहा है। उम्मीद की जा रही है कि मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के इस दूसरे पूर्ण बजट यानि Budget 2025 से आम जनता पर महंगाई का बोझ कम करने के लिए बड़े ऐलान हो सकते हैं।
पेट्रोल और डीजल के दाम घटाए जाने की भी घोषणा हो सकती है। Budget 2025 में PM किसान सम्मान निधि की रकम भी बढ़ाने का ऐलान किए जाने की संभावना है। इसके अलावा सरकार करदाताओं को बड़ी राहत दे सकती है।
Budget 2025 को कैबिनेट करेगा मंजूर, फिर होगा पेश…
तय कार्यक्रम के मुताबिक, संसद में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सुबह 11 बजे Budget 2025 पेश करेंगी। उससे पहले Budget 2025 को लेकर PM मोदी की अध्यक्षता में आज केंद्रीय कैबिनेट की बैठक भी होगी। संसद भवन के परिसर में ये बैठक होगी, जिसमें Budget 2025 को मंजूरी दी जाएगी।
Budget 2025 में में 100 अमृत भारत ट्रेनें और 10 से ज्यादा वंदे भारत ट्रेने चलाने का ऐलान संभव है। साथ ही नॉन एसी कोचेस की संख्या बढ़ाने का भी ऐलान किया जा सकता है। यात्रियों को सुरक्षा को देखते हुए कवच विस्तार के लिए करीब 12 हजार करोड़ रु का आवंटन किया जा सकता है। वित्त वर्ष 2025-26 के लिए रेलवे को 3 लाख करोड़ से ज्यादा का आवंटन किया जा सकता है।
अर्थव्यवस्था की धीमी रफ्तार को पटरी पर लाना बड़ी चुनौती
हाल के महीनों में भारतीय अर्थव्यवस्था की रफ्तार धीमी पड़ने के कारण वैश्विक निवेशकों की चिंता बढ़ी है। घरेलू शेयर बाजार में बीते कुछ महीनों के दौरान इस कारण लगातार गिरावट देखने को मिली है। रोजगार के मोर्चे पर भी इससे चुनौती बढ़ती है।
लोगों को महंगाई की तुलना में मजदूरी नहीं मिल पा रही, जिससे उन्हें तमाम मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के लिए बजट 2025 कई मायनों में चुनौतीपूर्ण रहने वाला है। इसके तमाम जरूरी कमजोर कड़ियों को वित्त मंत्री की ओर से बजट 2025 में साधने की जरूरत है।
बजट 2025 में महंगाई से राहत दिलाने के साथ रोजगार का मसला बड़ी चुनौती…
देश में महंगाई तेजी से बढ़ रही है। खासकर खाने-पीने की चीजें, सब्जियों, खाद्य तेलों और दूध की कीमतों में इजाफा होने से इसका का असर सीधा आम आदमी की रसोई पर पड़ा है। खराब मौसम के कारण सब्जियों और दालों की आपूर्ति प्रभावित होने से आम आदमी की थाली से ये चीजें लगभग गायब हो गईं।
खाद्य तेलों की कीमतों में बड़ा इजाफा दिखा और इसका कारण आयात शुल्क में इजाफा करना था। दूध की कीमतों में भी उत्पादन खर्च बढ़ने का हवाला देकर इजाफा किया गया, इससे भी लोगों पर भार बढ़ा। ऐसे में, महंगाई से त्रस्त जनता बजट में ऐसे नीतिगत एलानों की उम्मीद कर रही है, जिससे आने वाले दिनों में महंगाई से निजात मिल सके।
देश में पिछले कुछ महीनों में नए रोजगार के आंकड़े उम्मीद से कम रहे हैं। इस मोर्चे पर भी बजट 2025 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमा से ठोस उपायों की उम्मीद है। देश में बड़े पैमाने पर युवाओं की आबादी नौकरी के लिए संघर्ष कर रही है।
सरकारी नौकरियों में उम्मीद के अनुरूप बहाली नहीं हो रही, निजी नौकरियों में मेहनत अधिक आमदनी कम वाली स्थिति है, जिससे युवा निराश हैं। ठेके पर बहाली और सेना में अग्निपथ जैसी योजनाओं पर नौकरी की बाट जोह रहे युवाओं के बीच काफी विरोध रहा है।
कोविड के दौरान खेती करने वाले लोगों की संख्या में अचानक वृद्धि हुई थी क्योंकि करोड़ों प्रवासी मजदूर अपने घरों को लौट गए थे। जो कामगार शहरों को छोड़ अपने घरों को लौटे थे, उनकी पूरी तरह वापसी नहीं हो पाई है उसकी वजह नौकरियों की किल्लत और शहरों में व्याप्त महंगाई। इसलिए रोजगार के मोर्चे पर वित्त मंत्री से ठोस घोषणाओं की उम्मीद होगी।