आरा : एक फरवरी को आरा के कृषि विज्ञान केंद्र परिसर में कृषि विज्ञान केंद्र के सभी कर्मचारियों द्वारा एकदिवसीय धरना एवं आक्रोश का प्रदर्शन किया गया। इस प्रदर्शन का कारण बताया गया कि बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर भागलपुर के द्वारा मनमानी रूप से अचानक विभिन्न कृषि विज्ञान केंद्र के कर्मचारियों के विरुद्ध लगातार कार्रवाई की जा रही है। जिसमें बहुत से कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति एवं अन्य कई लाभ जुड़े हुए हैं।
आपको बता दें कि कल यानी 31 जनवरी 2025 को शाम में अचानक ही विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा करीब पांच-छह कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति जबरन रूप से कर दिया गया। जबकि इन सभी कर्मचारियों का सेवा अवधि तथा उम्र में काफी विषमता है। कोई कर्मचारी 62 वर्ष की सेवा अवधि पूर्ण किए हैं। किसी ने 63 वर्ष की सेवा अवधि तो किसी ने 64 वर्ष की सेवा अवधि इस प्रकार यह देखा गया। बिहार कृषि विश्वविद्यालय भागलपुर के प्रशासन द्वारा अनियमित एवं असंवैधानिक रूप से अचानक महीने के अंतिम दिन सबों को एक साथ सेवानिवृत्ति का आदेश जारी कर दिया गया। साथ ही जो भी पूर्व में करियर एडवांसमेंट स्कीम के तहत जिन्हें वित्तीय लाभ प्रदान किया गया था। उन्हें यह लाभ बंद करते हुए और वसूली के लिए भी कार्यवाही की जा रही है।
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इस प्रकार यह देखा गया है कि विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा असंवैधानिक रूप से लगातार कृषि विज्ञान केंद्र के कर्मचारियों के विरुद्ध कार्य किया जा रहा है। इसी कारण आज बिहार कृषि विश्वविद्यालय के प्रशासनिक नियंत्राणाधीन सभी कृषि विज्ञान केदो में सांकेतिक रूप से एकदिवसीय धरना एवं प्रदर्शन का आयोजन किया गया। तत्पश्चात यदि कोई विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा कोई आदेश नहीं निर्गत किया जाता है तो कृषि विज्ञान केंद्र के सभी कर्मी उग्र रूप से आंदोलन के लिए विवश हो जाएंगे l इस अवसर पर धरना प्रदर्शन में डॉ. सच्चिदानंद सिंह, डॉ. राम नरेश, डॉ. विकास सिंह, शशि भूषण कुमार, सुनील कुमार, संजीव रघुवंशी और पंकज कुमार सहित काफी संख्या में कर्मचारी मौजूद थे।
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नेहा गुप्ता की रिपोर्ट