डिजिटल डेस्क : अखिलेश यादव का महाकुंभ में कुप्रबंधन का आरोप लगाते हुए भाजपा सरकारों पर हमला। सपा मुखिया अखिलेश यादव ने बीते शनिवार की रात नई दिल्ली स्टेशन पर हुए भगदड़ हादसे समेत महाकुंभ को लेकर अब तक हुए तमाम दुर्घटनाओं में लोगों के जान के गंवाने के मसला अपने अंदाज में उठाया है।
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इस क्रम में सपा मुखिया ने भाजपा सरकारों पर जमकर हमला और सभी घटनाक्रमों की क्रोनोलॉजी भी समझाई है। अखिलेश यादव ने महाकुंभ में कुप्रबंधन का आरोप लगाया। साथ ही उन्होंने यात्रा के दौरान जान गंवाने वाले श्रद्धालुओं के लिए मुआवजे की मांग की है।
अपने सोशल मीडिया हैंडल ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि – ‘महाकुंभ के श्रद्धालुओं से भरी बसों और अन्य वाहनों के दुर्घटनाग्रस्त होने की खबरें प्रतिदिन बढ़ रही हैं। जो बेहद दुखद है। केंद्र और राज्य सरकार इसके लिए विभिन्न कोषों से पैसा उपलब्ध कराएं। जब अरबों रुपये प्रचार पर बहाए जा सकते हैं, तो शोक संतप्त परिजनों के लिए सांत्वना के रूप में क्यों नहीं दिए जा सकते हैं।’
‘महाकुंभ यात्रा पर मरने वाले सभी श्रद्धालुओं को मिले मुआवजा…’
सपा मुखिया अखिलेश यादव यहीं नहीं रुके। उन्होंने आगे कहा कि – ‘…सरकार से मांग है कि महाकुंभ यात्रा पर निकले उन सभी मृतक श्रद्धालुओं को एक समान माना जाए, जिनकी भगदड़, हादसा या घुटन आदि कारणों से अलग-अलग जगहों पर मौत हुई है और इसके लिए उनके परिजनों को मुआवजा दिया जाए।
…सभी घायलों को उपचार के साथ-साथ क्षतिपूर्ति राशि दी जाए। केंद्र और राज्य सरकार इसके लिए विभिन्न कोषों से पैसा उपलब्ध कराएं।
..महाकुंभ यात्रा के दौरान हुए हादसों के पीछे मुख्य कारण ये है कि भारी जाम और अव्यवस्था के कारण चालकों की हालत बहुत खराब है। न उनकी थकान उतर रही है और न नींद पूरी हो रही है। ऐसे में वो अर्द्ध निद्रा की अवस्था में वाहन चला रहे हैं, जिससे दुर्घटनाएं हो रही हैं।
… सुझाव है कि साथ ही सड़कों पर पैदल चलनेवालों को बचाने की भी चुनौती है, इसलिए ध्यान भटकते ही मौतें हो रही हैं। इसका समाधान सिर्फ अच्छी व्यवस्था है, जो सरकार ही कर सकती है, पर कर नहीं पा रही है।’
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बोले अखिलेश – नई दिल्ली हादसे में मौत के आंकड़े को न छुपाए सरकार
साथ ही अखिलेश यादव ने बीते शनिवार रात नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ मचने से 18 लोगों की मौत को लेकर सरकार पर पर हमला किया। सपा मुखिया ने तंज कसते हुए कहा कि – ‘…सरकार मौत के आंकड़े को न छुपाए बल्कि सम्मान के साथ शवों को उनके घर पहुंचाने का कार्य करे।
…दिल्ली में महाकुंभ के श्रद्धालुओं की दर्दनाक मौत हृदयविदारक है। सरकार में बैठे लोगों को राजनीतिज्ञ नहीं एक उस परिवार वालों की तरह सोचना होगा जिसने अपने मां-बाप, भाई-बहन, बच्चे और नाते-रिश्तेदार खोए हैं।
…सरकार से अनुरोध है कि मृतकों के शवों को सम्मान क साथ उनके परिजनों तक पहुंचने का ईमानदारी से इंतजाम किया जाए। घायलों को सर्वश्रेष्ठ उपचार उपलब्ध कराया जाए। भाजपा सरकार मौत का सच छुपाने का पाप न करे।’
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महाकुंभ संबंधी हादसों पर अखिलेश यादव ने यूं समझाई भाजपा की क्रोनोलॉजी…
सपा मुखिया अखिलेश यादव ने रविवार को अपने सोशल मीडिया हैंडल X पर एक लंबा-चौड़ा पोस्ट साझा किया है। इसमें अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार ने ये सब अपने प्रचार और चुनावी फायदे के लिए किया है। इसमें अखिलेश यादव ने शीर्षक दिया है – ‘…भाजपा राज्य में ‘महा-आयोजनों’ से संबंधित हादसों और भाजपाइयों की त्रुटिपूर्ण नीतियों और उसके अंतर्निहित कारणों की क्रोनोलॉजी’।
इसी में अखिलेश यादव ने आगे लिखा है – ‘1. सबसे पहले किसी भी महा-आयोजन को राजनीतिक दृष्टि से देखना और उसे अपने आत्म प्रचार व चुनावी फ़ायदा उठाने के लिए दुरुपयोग करना फिर वो चाहे धार्मिक आयोजन हो, सामाजिक, सांस्कृतिक या फिर कूटनीतिक।
…2.महा-आयोजन की व्यवस्था से ज़्यादा उसके प्रचार पर पैसा बहाना। उसके संबंध में मिथ्या प्रचार करके जनता में झूठ फैलाकर, जनता का भावनात्मक शोषण करना। 3. अहंकारी भाजपाइयों का अपने को ही महा-आयोजन से जुड़ी हर बात का विशेषज्ञ समझकर मनमानी करना।
4. आत्मकेंद्रित होने की वजह से महा-आयोजन से संबंधित पुर्वानुमानों की चुनौतियों की पूरी तरह उपेक्षा करना। 5.महा-आयोजन के लिए चेतानेवाली दूसरे पक्ष की सलाह को अपनी आलोचना मानकर अस्वीकार कर देना. 6.महा-आयोजन की कमियों की ओर इंगित करती ख़बरों को निजी आरोप समझकर उन पर हमलावर होना।
7.महा-आयोजन में दुर्घटना होने पर सबसे पहले मीडिया प्रबंधन करके हादसे के समाचार को दबाना न कि दुर्घटना को स्वीकार करके राहत, बचाव व सुधार आपदा प्रबंधन करना।
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8. महा-आयोजन के हादसे में मरनेवालों और घायलों के आंकड़ों को छिपाना जिससे अपनी बदइंतज़ामी की कमी को कम-से-कम करके दिखाया जा सके। मृतकों के परिजनों को शव लेने के लिए दौड़ा-दौड़ा कर हताश निराश कर देना और उनसे मृत्यु की वजह कुछ और बताकर मामला रफ़ा-दफ़ा करना।
9. महा-आयोजन में हादसा होने पर किसी और को उसके लिए ज़िम्मेदार ठहराकर ज़िम्मेदारी से अपना पल्ला झाड़ना या उसे साज़िश बताकर अपनी ख़ामियों पर परदा डालना।
10. महा-आयोजन के हादसे से भाजपाइयों की आपसी राजनीति की खींचातानी का बढ़ जाना, एक का मना करना तो दूसरे का स्वीकार करना और अपने-अपने समर्थकों से एक-दूसरे पर कीचड़ उछलवाना’।