नई दिल्ली : केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में उच्च-स्तरीय समिति ने पांच राज्यों को 1554.99 करोड़ रुपए की अतिरिक्त केंद्रीय सहायता को मंजूरी दी। वर्ष 2024 के दौरान आई बाढ़/अचानक बाढ़, भूस्खलन और चक्रवाती तूफान जैसी प्राकृतिक आपदाओं के लिए आंध्र प्रदेश, नागालैंड, ओडिशा, तेलंगाना और त्रिपुरा को धनराशि मिलेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार का यह कदम और प्राकृतिक आपदाओं का सामना करने वाले इन पांच राज्यों के लोगों की मदद करने के संकल्प को दर्शाता है।
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PM मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार का यह कदम उनके संकल्प को दर्शाता है – अमित शाह
वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान केंद्र सरकार ने एसडीआरएफ के तहत 27 राज्यों को 18,322.80 करोड़ रुपए और एनडीआरएफ के तहत 18 राज्यों को 4,808.30 करोड़ रुपए जारी किए हैं। अमित शाह की अध्यक्षता में उच्च-स्तरीय समिति (HLC) ने वर्ष 2024 के दौरान बाढ़, आकस्मिक बाढ़, भूस्खलन, चक्रवाती तूफान से प्रभावित हुए पांच राज्यों को राष्ट्रीय आपदा मोचन कोष (NDRF) के अंतर्गत 1554.99 करोड़ रुपए की अतिरिक्त केंद्रीय सहायता को मंजूरी दी है।
5 राज्यों को NDRF के तहत 1554.99 करोड़ रुपए की केंद्रीय सहायता को दी मंजूरी
उच्च-स्तरीय समिति ने पांच राज्यों को एनडीआरअफ के तहत 1554.99 करोड़ रुपए की केंद्रीय सहायता को मंजूरी दी। जो वर्ष के लिए राज्य आपदा मोचन कोष (SDRF) में उपलब्ध प्रारंभिक शेष राशि के 50 फीसदी के समायोजन के अधीन है। 1554.99 करोड़ रुपए की कुल राशि में से आंध्र प्रदेश के लिए 608.08 करोड़ रुपए, नागालैंड के लिए 170.99 करोड़ रुपए, ओडिशा के लिए 255.24 करोड़ रुपए, तेलंगाना के लिए 231.75 करोड़ रुपए और त्रिपुरा के लिए 288.93 करोड़ रुपए मंजूर किए गए हैं।
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केंद्र द्वारा राज्यों को SDRF से जारी की गई धनराशि के अतिरिक्त है
यह अतिरिक्त सहायता केंद्र द्वारा राज्यों को राज्य आपदा मोचन कोष (SDRF) से जारी की गई धनराशि के अतिरिक्त है, जो पहले से ही राज्यों के पास उपलब्ध है। वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान केंद्र सरकार ने एसडीआरएफ में 27 राज्यों को 18,322.80 करोड़ रुपए और एनडीआरएफ से 18 राज्यों को 4,808.30 करोड़ रुपए, राज्य आपदा न्यूनीकरण कोष (SDMF) से 14 राज्यों को 2208.55 करोड़ रुपए और राष्ट्रीय आपदा न्यूनीकरण कोष (NDMF) से आठ राज्यों को 719.72 करोड़ रुपए जारी किए हैं। केंद्र सरकार ने आपदाओं के तुरंत बाद, औपचारिक ज्ञापन की प्राप्ति की प्रतीक्षा किए बिना, इन राज्यों में अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय टीमों (IMCTs) को भेज दिया था।