Dhanbad:-राज्य सरकार द्वारा पेट्रोल-डीजल पर वैट की दरों में कमी नहीं किए जाने के विरोध में झारखंड के सभी 1400 पेट्रोल पंप मंगलवार को बंद रहेंगे. झारखंड पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन ने बंदी का आह्वान किया है. इससे राज्य सरकार को लगभग 10 करोड़ से भी अधिक का राजस्व के नुकसान की आशंका है.
झारखंड पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष अशोक कुमार सिंह का कहना है कि हड़ताल के सिवा अब कोई विकल्प नहीं बचा है. लाचार होकर एसोसिएशन ने हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है. 3 दिसंबर को ही अपनी मांगों से संबंधित ज्ञापन झारखंड के वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव को दिया गया था, लेकिन सरकार की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई. इस परिस्थिति में हड़ताल ही एक रास्ता है.
यहां बता दें कि एसोसिएशन अपनी प्रमुख तीन मांगों पर हड़ताल कर रहा है. पहली और सबसे महत्वपूर्ण मांग है कि राज्य सरकार वैट को राज्य में 22% से घटाकर 17% करे. झारखंड में बायोडीजल की हो रही अवैध बिक्री को बंद कराए और पेट्रोल पंप का जो बकाया सरकार के पास है, उसका तुरंत भुगतान किया जाय.
एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष अशोक सिंह का यह भी दावा है कि सरकार अगर वैट घटाकर 17% करती है तो उसका राजस्व भी सालाना 500 से 600 करोड़ बढ़ेगा और झारखंड में पेट्रोल, डीजल भी सस्ता सकेगा. अभी झारखंड में डीजल पड़ोसी राज्यों की तुलना में महंगा है. नतीजा है कि बाहर की गाड़ियां झारखंड में डीजल लेने से परहेज करती है. इस वजह से बिक्री लगातार घट रही है. हाईवे के पेट्रोल पंप बिक्री घटने से बंदी के कगार पर हैं तो शहर के आउटलेट सरकारी बकाया से त्राहि-त्राहि कर रहे है.