Sunday, August 3, 2025

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महाशिवरात्रि पर महाकुंभ में बना डुबकी लगाने वाले श्रद्धालुओं की संख्या का महारिकार्ड

जनार्दन सिंह की रिपोर्ट

प्रयागराज : महाशिवरात्रि पर महाकुंभ  में बना डुबकी लगाने वाले श्रद्धालुओं की संख्या का  महारिकार्ड। महाशिवरात्रि पर बुधवार को महाकुंभ में गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम त्रिवेणी वाली जलधारा में डुबकी लगाने वाले श्रद्धालुओं की संख्या का  महारिकार्ड बन गया है। समाचार लिखे जाने तक इस संख्या में लगातार बढ़ोत्तरी जारी एवं संगम तीर्थ पर पावन स्नान को पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं का क्रम सतत बना हुआ है।

बीते 13 जनवरी से आयोजित हो रहे महाकुंभ मेला ने बुधवार को महाशिवरात्रि के अंतिम स्नान पर्व पर 65 करोड़ का आंकड़ा पारकर इतिहास रच दिया। बीते जनवरी माह में पौष पूर्णिमा पर शुरू हुए महाकुंभ में पावन स्नान के क्रम में बुधवार की सुबह महाशिवरात्रि की तिथि के प्रारंभ होने से पहले पावन डुबकी लगाने वालों की संख्या 65 करोड़ के पार पहुंच गई थी।

बुधवार दोपहर 12 बजे तक महाशिवरात्रि का पुण्यकाल शुरू होने तक इनकी संख्या कुल 65.78 करोड़ के पार पहुंच गई। यह संख्या कई देशों की आबादी से भी कई गुना ज्यादा है। 65 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी संगम में सनातन आस्था की पावन डुबकी लगाकर धार्मिक और सांस्कृतिक एकता की अद्वितीय मिसाल कायम की है।

महाशिवरात्रि के अंतिम स्नान पर्व पर बने स्नान के इस महारिकॉर्ड से इस महाकुम्भ को संख्या के लिहाज से इतिहास के पन्नों में दर्ज करा दिया।

कई देशों की आबादी से ज्यादा पहुंचे श्रद्धालु

दावा किया जा रहा है कि कुंभ ही नहीं, दुनिया के किसी भी आयोजन में आज तक एक साथ इतनी बड़ी संख्या में लोग नहीं जुटे हैं, जितने 45 दिनों के अंदर प्रयागराज में बनाए गए एक अस्थायी शहर में जुट गए। यह संख्या कई देशों की आबादी से भी कई गुना अधिक है।

65 करोड़ श्रद्धालुओं के किसी एक स्थान पर जुटने का इतिहास में और कोई उदाहरण नहीं दिखाई देता। सनातन के प्रति श्रद्धालुओं की आस्था, दृढ़ निश्चय और विश्वास का ही यह फल है कि संगम तट पर इतना विशाल जनसमूह 45 दिनों में एकत्र हो गया।

यदि इस संख्या की दुनिया भर के देशों की आबादी से तुलना की जाए तो कई देशों की आबादी इसमें समा जाएगी। उदाहरण के तौर पर अमेरिका की दोगुनी से ज्यादा, पाकिस्तान की ढाई गुना से अधिक और रूस की चार गुनी से ज्यादा आबादी के बराबर श्रद्धालु यहां अब तक आ चुके हैं।

यही नहीं, जापान की 5 गुनी आबादी, यूके की 10 गुनी से ज्यादा आबादी और फ्रांस की 15 गुनी से ज्यादा आबादी ने यहां आकर त्रिवेणी संगम में पावन डुबकी लगा ली है। तीर्थराज प्रयागराज में आयोजित इस महाकुम्भ में संख्या के लिहाज से भारत ही नहीं, बल्कि दुनिया भर में सनातन धर्म को मानने वाले करोड़ों श्रद्धालु स्नान कर चुके हैं।

यदि देश की कुल जनसंख्या से स्नानार्थियों की तुलना की जाए तो इसके अनुसार भी लगभग 50 प्रतिशत भारत ने त्रिवेणी संगम में डुबकी लगा ली है। वहीं अगर सनातन धर्मावलंबियों की बात करें तो देश के 60 प्रतिशत से ज्यादा और दुनिया के करीब 55 प्रतिशत सनातनी श्रद्धालुओं ने पावन स्नान कर लिया है।

महाकुंभ के समापन दिन पर संगम स्नान करते श्रद्धालुओं पर हेलीकाप्टर से हुई पुष्पवर्षा
महाकुंभ के समापन दिन पर संगम स्नान करते श्रद्धालुओं पर हेलीकाप्टर से हुई पुष्पवर्षा

45 दिनों के महाकुंभ में देश और दुनियाभर से पहुंचे श्रद्धालु

भारत की इस प्राचीन परंपरा ने अपनी दिव्यता और भव्यता से पूरी दुनिया को मंत्रमुग्ध कर दिया है। 45 दिन तक चले इस आयोजन में श्रद्धा की डुबकी लगाने के लिए दुनिया भर से श्रद्धालु जुटे हैं। 73 देशों के राजनयिकों के साथ भूटान नरेश नामग्याल वांगचुक समेत तमाम देशों के अतिथि यहां अमृत स्नान करने पहुंचे।

यही नहीं, मां जानकी के मायके नेपाल के 50 लाख से अधिक लोग अब तक त्रिवेणी के पवित्र जल में स्नान कर महाकुम्भ के साक्षी बन चुके हैं। इसके अलावा इटली, फ्रांस, यूके, पुर्तगाल, अमेरिका, इजराइल, ईरान, मॉरीसस समेत दुनिया के कोने-कोने से श्रद्धालु यहां पहुंचे हैं। इसकी पुष्टि महाकुंभ मेला प्रबंधन और यूपी सरकार ने की है।

संगम पर आस्था-भक्ति और विश्वास की अमृतमयी बूंदें एक बार फिर एकाकार हो गई हैं। बीते जनवरी माह में पौष पूर्णिमा पर शुरू हुए महाकुंभ में पावन स्नान के क्रम में बुधवार की सुबह महाशिवरात्रि की तिथि के प्रारंभ होने से पहले पावन डुबकी लगाने वालों की संख्या 65 करोड़ के पार पहुंच गई थी।

महाशिवरात्रि पर बुधवार को दिन में शुरू होने वाले पुण्यकाल और मुहूर्त का इंतजार किए बिना श्रद्धालु बीती आधी रात से ही गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम त्रिवेणी वाली जलधारा में आस्था की डुबकी लगाने का यह आलम रहा कि बीती 12 बजे से बुधवार तड़के तक संगम में  नए 11.66 लाख श्रद्धालुओं ने आस्था की पावन डुबकी लगाई।

महाकुंभ में आखिरी दिन स्नानार्थियों पर हेलिकॉप्टर से पुष्पवर्षा
महाकुंभ में आखिरी दिन स्नानार्थियों पर हेलिकॉप्टर से पुष्पवर्षा

फिर अगले 2 घंटे में यानि भोर 4 बजे तक यह संख्या 25.64 लाख के पार पहुंच गई। इसी के साथ पौष पूर्णिमा से शुरू हुए महाकुंभ 2025 में महाशिवरात्रि का पुण्यकाल शुरू होने पूर्व सुबह 4 बजे तक पावन डुबकी लगाने वाले श्रद्धालुओं की संख्या 65 करोड़ के पार पहुंच गई।

इसी क्रम में बुधवार को सुबह 6 बजे तक 41.11 लाख श्रद्धालुओं ने डुबकी लगा ली थी। फिर 8 बजे तक यह संख्या 60.12 लाख पहुंची और अब 10 बजे तक यह संख्या 81.09 लाख पहुंच चुकी है।

यानि महाकुंभ में महाशिवरात्रि का पुण्यकाल शुरू होने से पहले तक 65.58 करोड़ 9 लाख श्रद्धालुओं ने गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम त्रिवेणी वाली जलधारा में आस्था की डुबकी लगा ली है।

महाशिवरात्रि पर संगम में कुछ इस अंदाज में डुबकी लगाती महिला श्रद्धालु।
महाशिवरात्रि पर संगम में कुछ इस अंदाज में डुबकी लगाती महिला श्रद्धालु।

संगम त्रिवेणी से लेकर प्रमुख मार्गों तक लगा श्रद्धालुओं का तांता

प्रयागराज में त्रिवेणी संगम पर महाकुंभ के अंतिम दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। मेला आज 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के दिन समाप्त होना है। इसी क्रम में यूपी सरकार और मेला प्रबंधन की ओर से हेलिकॉप्टर से रह-रहकर त्रिवेणी संगम पर महाकुंभ के अंतिम स्नान में भाग लेने वाले श्रद्धालुओं पर पुष्प वर्षा का क्रम जारी रहा।

महाशिवरात्रि पर संगम स्नान करने पहुंचे श्रद्धालुओं पर हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा की गई है। महाकुंभ में महाशिवरात्रि के आखिरी स्नान पर्व पर स्नानार्थियों की जबरदस्त भीड़ है। महाकुंभ के आखिरी दिन तीर्थनगरी में पवित्र स्नान के लिए भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। आज 2 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं के संगम में पावन स्नान करने की संभावना है।

संगम के घाटों पर हर तरफ स्नानार्थी ही नजर आ रहे हैं। सिर पर गठरी और कंधे पर झोला लिए श्रद्धालुओं की भीड़ संगम की ओर बढ़ रही है। संगम जाने वाली सड़कों पर हर तरफ जन प्रवाह नजर आ रहा है। सभी रास्ते श्रद्धालुओं की भीड़ से खचाखच भरे हैं।

त्रिवेणी बांध से लेकर कई मार्ग और संगम से जुड़े अन्य मार्गों पर भीड़ का तांता लगा है। संगम पर आस्था-भक्ति और विश्वास की अमृतमयी बूंदें एक बार फिर एकाकार हो गई हैं। रास्ते भर जय गंगा मैया, हर-हर महादेव और जय श्रीराम के गगनभेदी जयघोष लगाते लाखों श्रद्धालुओं ने वातावरण को भक्तिमय बना दिया है। आस्था भक्ति की लहरों के बीच संगम से शहर तक कहीं तिल रखने की जगह नहीं बची।

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