दाल उत्पादन में बढ़ोतरी के बावजूद आयात पर निर्भरता बरकरार, 2030 तक 350 लाख टन की जरूरत

नई दिल्ली: भारत दाल उत्पादन में वैश्विक स्तर पर अग्रणी होने के बावजूद अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए बड़े पैमाने पर आयात पर निर्भर है। घरेलू खपत और उत्पादन के बीच का अंतर लगातार बना हुआ है। नीति आयोग के अनुसार, 2030 तक भारत को 350 लाख टन दाल की जरूरत होगी, लेकिन मौजूदा उत्पादन की रफ्तार से यह अंतर कम होता नहीं दिख रहा।

बढ़ता उत्पादन, फिर भी आयात जरूरी
भारत ने 2014-15 में 174 लाख टन दाल का उत्पादन किया था, जबकि खपत 227 लाख टन रही, जिससे 52 लाख टन का अंतर आया। पिछले तीन वर्षों में दाल उत्पादन बढ़कर 275 लाख टन के आसपास रहा, लेकिन इसके बावजूद हर साल 60-70 लाख टन अतिरिक्त दाल की जरूरत पड़ रही है। चालू वित्त वर्ष में अब तक 67 लाख टन से अधिक दाल का आयात किया जा चुका है।

आयात पर निर्भरता और बढ़ेगी?
भारत में कुल वैश्विक दाल उत्पादन का 25% उत्पादन होता है, लेकिन खपत 28% है, जिससे 3% की अतिरिक्त मांग बनी रहती है। 2015-17 के दौरान भारत में दाल उत्पादन 163.23 लाख टन था, जो 2021-22 में 273.02 लाख टन तक पहुंचा। हालांकि, 2023-24 में प्रतिकूल मौसम के चलते यह घटकर 242.46 लाख टन रह गया। कृषि मंत्रालय को इस साल दाल उत्पादन में तीन प्रतिशत वृद्धि की उम्मीद है।

किस देशों से होता है आयात?
भारत में दाल का सबसे अधिक आयात म्यांमार, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका और कनाडा से होता है। तुअर और उड़द दाल मुख्य रूप से अफ्रीकी देशों और म्यांमार से आती हैं, जबकि चना, मटर और मसूर का आयात ऑस्ट्रेलिया, रूस और कनाडा से किया जाता है।

तुअर की बढ़ती मांग, किसानों को नुकसान
भारत में सबसे ज्यादा मांग तुअर दाल की है। हालांकि, इसका उत्पादन 35 लाख टन के आसपास है, जबकि मांग 50 लाख टन से अधिक है। 2021 से तुअर दाल के आयात पर शुल्क समाप्त कर दिया गया, जिससे घरेलू किसानों को नुकसान हो रहा है। केंद्र सरकार एमएसपी पर खरीदारी जारी रखे हुए है और चालू वित्त वर्ष में 13.2 लाख टन तुअर की खरीद को मंजूरी दी गई है।

40 हजार करोड़ रुपये का आयात
वाणिज्य मंत्रालय के अनुसार, चालू वित्त वर्ष में जनवरी तक 40 हजार करोड़ रुपये से अधिक की दाल का आयात किया जा चुका है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 63.69% अधिक है। 2017 में दाल आयात ने रिकॉर्ड स्तर 62.74 लाख टन को छुआ था।

दालों की घरेलू मांग को पूरा करने के लिए उत्पादन बढ़ाने की जरूरत है। हालांकि सरकार एमएसपी पर खरीदारी और उत्पादन वृद्धि के उपाय कर रही है, लेकिन आयात पर निर्भरता कम होने के संकेत फिलहाल नहीं दिख रहे हैं।

Related Articles

Video thumbnail
गैंगस्टर अमन साहू का श'व लेने नहीं पहुंचे परिजन, पोस्टमार्टम में खुलासा, कहाँ - कहाँ लगी गोलियां
02:49
Video thumbnail
Cabinet Press Briefing : झारखंड कैबिनेट की बैठक में लिए गए कौन - कौन से बड़े फैसले - LIVE
02:38:07
Video thumbnail
आगामी पर्व-त्योहारों को लेकर उच्चस्तरीय बैठक, CM ने दिए निर्देश-अलर्ट रहें प्रशासन #Shorts |22Scope
01:47
Video thumbnail
आदिवासी कौन ? बताते कांग्रेस MLA Rajesh Kachhap ने कुड़मी को ST में शामिल करने को लेकर क्या कहा ?
06:15
Video thumbnail
जब UP में विकास दुबे का गाड़ी पलटे तो वाह - वाह, और झारखंड में अमन साहू का हो तो सवाल क्यों #shorts
00:42
Video thumbnail
Holika Dahan 2025: कब होगी होली ? होलिका दहन का शुभ मुहूर्त जानिए आचार्य भरत से, जानें विधि और महत्व
06:16
Video thumbnail
कब होगी होली ? Holika Dahan का शुभ मुहूर्त जानिए आचार्य भरत से-LIVE
06:01
Video thumbnail
Cabinet Press Briefing : झारखंड कैबिनेट की बैठक में जानिए कौन - कौन से 31 प्रस्तावों पर लगी मुहर
22:06
Video thumbnail
CM हेमंत ने पुलिस प्रशासन को साफ - साफ कहा त्यौहारों के मौसम में उपद्रवी तत्वों से सख्ती से निपटें
03:50
Video thumbnail
विधायक जयराम महतो ने दी राज्यवासियों को होली की शुभकामनाएँ | Holi 2025 | #Shorts | 22Scope
00:19
Stay Connected
120,000FansLike
8,200FollowersFollow
497FollowersFollow
400,000SubscribersSubscribe
- Advertisement -