Thursday, October 23, 2025
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विधानसभा चुनाव प्रचार: JDU Candidate Chandeshwar Chandra Vanshi को ग्रामीणों का विरोध, सांसद कार्यकाल के विकास पर उठे सवाल

जहानाबाद में JDU प्रत्याशी चंदेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी को प्रचार के दौरान ग्रामीणों के विरोध का सामना करना पड़ा। लोगों ने सांसद कार्यकाल के विकास का हिसाब मांगा।विधानसभा चुनाव प्रचार जहानाबाद : विधानसभा चुनाव प्रचार के बीच जदयू प्रत्याशी चंदेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी को अपने ही क्षेत्र में विरोध का सामना करना पड़ा। प्रचार के दौरान ग्रामीणों ने नारेबाजी करते हुए उनसे सांसद रहते विकास कार्यों का हिसाब मांगा। विरोध के चलते प्रचार अभियान कुछ देर के लिए बाधित भी रहा।Key Highlights जदयू प्रत्याशी चंदेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी का प्रचार के दौरान विरोध। ग्रामीणों ने कहा—सांसद रहते नहीं कराया विकास, अब वोट...

Begusarai Train Accident: एक ही परिवार के 4 लोगों की दर्दनाक मौत, Amrapali Express की चपेट में आए

बेगूसराय का यह हादसा एक बार फिर से रेलवे ट्रैक पार करने के खतरों को सामने लाता है। प्रशासन और रेलवे विभाग को ऐसे संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा इंतजाम बढ़ाने की जरूरत है ताकि ऐसी दर्दनाक घटनाएं दोबारा न हों।Begusarai Train Accident बेगूसराय: बिहार के बेगूसराय जिले से एक दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है। बरौनी-कटिहार रेलखंड के साहेबपुर कमाल थाना क्षेत्र के उमेशनगर स्टेशन ढाला के पास बुधवार देर रात डाउन आम्रपाली एक्सप्रेस (Amrapali Express) की चपेट में आने से एक ही परिवार के चार लोगों की मौत हो गई। मृतकों में एक पुरुष, एक महिला...

SSC CHSL Exam 2025 Update: अब अभ्यर्थी खुद चुन सकेंगे परीक्षा शहर, सेंटर और स्लॉट

SSC CHSL 2025 में बड़ा बदलाव, अब अभ्यर्थी खुद चुन सकेंगे परीक्षा शहर, सेंटर और स्लॉट। आयोग ने 28 अक्टूबर तक स्लॉट चयन का मौका दिया, परीक्षा 3131 पदों के लिए होगी।SSC CHSL Exam 2025 Update रांची: कर्मचारी चयन आयोग (Staff Selection Commission - SSC) ने कंबाइंड हायर सेकंडरी लेवल (CHSL) परीक्षा प्रक्रिया में बड़ा बदलाव किया है। अब उम्मीदवार अपने परीक्षा शहर (Exam City), परीक्षा केंद्र (Center) और स्लॉट (Slot) खुद चुन पाएंगे। आयोग ने बुधवार से इसके लिए पोर्टल शुरू कर दिया है। उम्मीदवार 28 अक्टूबर तक अपनी पसंद के अनुसार स्लॉट चुन सकते हैं।Key Highlights SSC...

“हेमंत सरकार की लापरवाही से संकट में जल, जंगल और जमीन”-Babulal Marandi…

Ranchi : झारखंड में जल, जंगल और ज़मीन की सुरक्षा को लेकर विपक्ष लगातार सरकार पर हमलावर है। नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी (Babulal Marandi) ने एक बार फिर हेमंत सोरेन सरकार पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि राज्य की प्राकृतिक धरोहरें सरकार की लापरवाही और भ्रष्ट तंत्र की भेंट चढ़ रही हैं।

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मरांडी ने गोड्डा ज़िले की कझिया नदी का उदाहरण देते हुए बताया कि 1990 के दशक में यह नदी सिंचाई परियोजना और पेयजल आपूर्ति का प्रमुख स्रोत हुआ करती थी। लेकिन आज वही नदी अवैध बालू खनन की मार से दम तोड़ रही है। उन्होंने कहा कि नदी में बचा-खुचा बालू भी दिन-रात अवैध रूप से निकाला जा रहा है और प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है।

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Babulal Marandi : अवैध खनन पर रोक जरुरी नहीं तो नदियों का अस्तित्व खत्म

उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि यदि जल्द ही अवैध खनन पर रोक नहीं लगी, तो न केवल कझिया, बल्कि गेरुआ, सुंदर और लिलझी जैसी अन्य जीवनदायिनी नदियाँ भी हमेशा के लिए खत्म हो जाएंगी। मरांडी ने सवाल उठाया कि जल, जंगल और ज़मीन की सुरक्षा की बातें करने वाली सरकार आखिर ज़मीनी स्तर पर क्या कर रही है?

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उन्होंने कहा कि इन नदियों और जंगलों का महत्व केवल धार्मिक आस्था तक सीमित नहीं है, बल्कि यही प्राकृतिक संसाधन ग्रामीण क्षेत्रों की दैनिक ज़रूरतों को पूरा करते हैं-पीने का पानी, खेती की सिंचाई और आजीविका के साधन इन्हीं से जुड़े हुए हैं।

झारखंड को एक गहरे पर्यावरणीय संकट का सामना करना पड़ेगा

मरांडी ने सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा, “हेमंत सरकार ने प्राकृतिक संसाधनों की सुरक्षा का जो दावा किया था, वह पूरी तरह खोखला साबित हो रहा है। नदियों में अवैध खनन, जंगलों की अवैध कटाई और ज़मीन की बंदरबांट से साफ है कि इस सरकार की प्राथमिकता केवल वोट बैंक की राजनीति है, न कि राज्य की धरोहरों को बचाना।”

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उन्होंने प्रशासनिक तंत्र की चुप्पी और मिलीभगत पर भी सवाल उठाया। “क्या कारण है कि बालू माफिया दिन-दहाड़े खनन कर रहे हैं और पुलिस-प्रशासन आँखें मूंदे बैठा है? क्या यह बिना सत्ताधारी दल की शह के संभव है?”

बाबूलाल मरांडी ने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने अब भी आंखें नहीं खोलीं, तो आने वाले समय में झारखंड को एक गहरे पर्यावरणीय संकट का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने राज्य की जनता से भी अपील की कि वे इस मुद्दे पर जागरूक बनें और अपनी नदियों, जंगलों और ज़मीन की रक्षा के लिए आवाज उठाएं।

 

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