Desk : जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की मौत के बाद भारत सरकार द्वारा पाकिस्तान के खिलाफ लिए गए सख्त फैसलों से इस्लामाबाद में हड़कंप मच गया है। भारत द्वारा सिंधु जल संधि को रोकने और पाकिस्तान के साथ राजनयिक संबंधों को घटाने के निर्णय ने पड़ोसी देश की चिंताओं को और गहरा कर दिया है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की अध्यक्षता में आज इस्लामाबाद में हुई राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (NSC) की उच्चस्तरीय बैठक के बाद भारत को लेकर कई अहम घोषणाएं की गईं।
पाकिस्तान ने इसे एकतरफा, अन्यायपूर्ण और राजनीतिक रूप से प्रेरित बताया
इस नेशनल सिक्योरिटी कमेटी (NSC) की बैठक में पाकिस्तान के तीनों सेनाध्यक्ष, केंद्रीय मंत्री, सिविल और सैन्य अधिकारी शामिल हुए। बैठक की अध्यक्षता स्वयं प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने की। मीटिंग के बाद जारी बयान में पाकिस्तान ने भारत के कदमों को “एकतरफा, अन्यायपूर्ण और राजनीतिक रूप से प्रेरित” बताया है।
बैठक के बाद जारी आधिकारिक बयान में पाकिस्तान ने भारत के साथ सभी प्रकार के व्यापार को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का फैसला किया है। इसमें उन व्यापार मार्गों को भी बंद करने की बात कही गई है जो पाकिस्तान के जरिए भारत और तीसरे देशों के बीच संचालित होते थे। इस फैसले का असर न केवल भारत-पाक व्यापार पर बल्कि क्षेत्रीय व्यापारिक गतिशीलता पर भी पड़ेगा।
Pahalgam Attack : व्यापार और कूटनीतिक संबंधों पर गिरी गाज
इसके अलावा, पाकिस्तान ने भारत की सभी एयरलाइनों–चाहे वे भारत में स्वामित्व वाली हों या भारत से संचालित होती हों–के लिए अपने हवाई क्षेत्र को पूरी तरह से बंद कर दिया है। इससे दिल्ली और पश्चिम एशिया, यूरोप के बीच की उड़ानों पर असर पड़ सकता है, क्योंकि अब उन्हें वैकल्पिक और लंबा मार्ग अपनाना पड़ेगा।
शिमला समझौता सहित ये समझौते स्थगित
पाकिस्तान ने वाघा सीमा को भी बंद कर दिया है, जो कि भारत और पाकिस्तान के बीच मुख्य जमीनी मार्ग है। इस निर्णय के अनुसार, अब कोई भी पारगमन – चाहे वह आम नागरिक का हो या वाणिज्यिक सामग्री का – इस मार्ग से नहीं हो सकेगा। यह कदम दोनों देशों के सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए बड़ी असुविधा का कारण बन सकता है।
इनके अतिरिक्त, पाकिस्तान ने शिमला समझौते सहित सभी द्विपक्षीय समझौतों को स्थगित करने की घोषणा की है। शिमला समझौता, जो 1972 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुआ था, दोनों देशों के बीच शांतिपूर्ण समाधान के आधार को सुनिश्चित करता है। इस समझौते की स्थगन से क्षेत्रीय कूटनीतिक समीकरणों में बड़ा बदलाव आ सकता है।
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