रांची. झारखंड गवर्नमेंट टूल रूम में आज Kaizen और 5S कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में बीआईटी मेसरा के प्रोफेसर डॉ. कौशिक कुमार उपस्थित हुए। उनका स्वागत टूल रूम के प्राचार्य महेश कुमार गुप्ता द्वारा किया गया।
Kaizen और 5S तकनीक पर कार्यशाला
टूल रूम के प्राचार्य महेश कुमार गुप्ता ने अपने अभिभाषण में कहा कि इस कार्यशाला का उद्देश्य छात्रों को यह समझाना था कि कैसे Kaizen (निरंतर सुधार) और 5S (सुनियोजित कार्य वातावरण) जैसे सिद्धांतों को अपनाकर किसी भी संगठन में सकारात्मक परिवर्तन लाया जा सकता है।
डॉ. कौशिक कुमार ने अपने अभिभाषण में कहा की Kaizen एक जापानी शब्द है, जिसका शाब्दिक अर्थ है “लगातार सुधार”। उन्होंने समझाया कि यह केवल एक तकनीक नहीं है, बल्कि एक ऐसी कार्यसंस्कृति है, जिसमें प्रत्येक कर्मचारी अपनी भूमिका के अनुसार छोटे-छोटे सुधार करके पूरे संगठन की प्रगति में योगदान कार्यशाला के दौरान डॉ. कौशिक कुमार ने 5S प्रणाली की विस्तृत व्याख्या करते हुए बताया कि यह जापानी कार्यस्थल प्रबंधन प्रणाली, कार्यक्षमता बढ़ाने और अनुशासित वातावरण बनाए रखने की दिशा में एक अत्यंत प्रभावी तरीका है। उन्होंने समझाया कि 5S के पांच चरण है-
1. Seiri (छँटाई) जरूरी और गैर-ज़रूरी बस्तुओं की पहचान कर अनुपयोगी वस्तुओं को हटाना
2. Seiton (सजावट) आवश्यक वस्तुओं को व्यवस्थित ढंग से रखना ताकि उन्हें आसानी से पाया जा सके
3. Seiso (साफ-सफाई) कार्यस्थल की नियमित सफाई और निरीक्षण
4. Seiketsu (मानकीकरण) उपरोक्त प्रक्रियाओं को मानक रूप में लागू करना
5. Shitsuke (अनुशासन) कार्यस्थल पर इन आदतों को स्थायी रूप से अपनाने की संस्कृति विकसित करना
यह प्रणाली सिर्फ सफाई या सजावट तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक ऐसी प्रणाली है, जो कर्मचारियों में जिम्मेदारी, आत्म-अनुशासन और दक्षता को बढ़ावा देती है। उन्होंने जोर दिया कि जब 5S को सही ढंग से लागू किया जाए, तो यह उत्पादन, गुणवत्ता और सुरक्षा के स्तर को उल्लेखनीय रूप में सुधार सकता है।
कार्यक्रम में 100 से अधिक छात्रों ने भाग लिया। कार्यक्रम के अंत में प्यार एवं स्नेह के रूप में मुख्य वक्ता को शाल एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में टूल रूम के ट्रेनिंग इंचार्ज मंगल टोप्पो, फैकल्टी कमलकांत, राहुल रंजन उरांव, मोतीलाल मेहता उपस्तिथ थे।