Thursday, June 26, 2025

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झारखंड में झमाझम मानसून: 25 दिनों में सामान्य से 92% अधिक बारिश, रांची में रिकॉर्ड वर्षा

रांची: झारखंड में इस बार मानसून ने अपने आगमन के साथ ही वर्षा के सारे रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए हैं। मौसम विज्ञान केंद्र, रांची द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार 1 जून से 25 जून के बीच राज्य में औसतन 268.7 मिमी वर्षा दर्ज की गई है, जबकि इस अवधि के लिए सामान्य बारिश मात्र 139.9 मिमी होती है। यानी राज्य में अब तक सामान्य से 92% अधिक वर्षा हो चुकी है। यह वृद्धि “लार्ज एक्सेस (Large Excess)” की श्रेणी में आती है, जो स्पष्ट संकेत देता है कि मानसून की सक्रियता इस वर्ष असाधारण रूप से अधिक है।

झारखंड में झमाझम मानसून: 25 दिनों में सामान्य से 92% अधिक बारिश, रांची में रिकॉर्ड वर्षा

मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि इस तेजी से हुई बारिश ने राज्य के वर्षा वितरण के पैटर्न को पूरी तरह बदल दिया है। विशेष रूप से रांची, लातेहार, लोहरदगा, सिमडेगा और पूर्वी सिंहभूम जैसे जिले तो बाढ़ की स्थिति तक पहुंचते दिख रहे हैं, जहां भारी बारिश से जनजीवन और खेती दोनों पर असर पड़ रहा है।

राज्य की राजधानी रांची में रिकॉर्डतोड़ बारिश: सामान्य से 231% अधिक

झारखंड की राजधानी रांची एक बार फिर बारिश के आंकड़ों में सबसे ऊपर रही है। यहां 25 जून तक 484.4 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई, जो सामान्य वर्षा (146.2 मिमी) से 231% अधिक है। यह पूरे राज्य में सबसे अधिक है और “लार्ज एक्सेस” की श्रेणी में सबसे ऊपर रखती है।

झारखंड में झमाझम मानसून: 25 दिनों में सामान्य से 92% अधिक बारिश, रांची में रिकॉर्ड वर्षा

इसी प्रकार, लातेहार में 422.6 मिमी वर्षा दर्ज हुई है, जो सामान्य से 225% ज्यादा है। लोहरदगा में 388.2 मिमी (+165%), सिमडेगा में 364 मिमी (+106%), और पूर्वी सिंहभूम में 328.9 मिमी (+82%) वर्षा दर्ज की गई है। इन जिलों में न सिर्फ मानसून की शुरुआती वर्षा ज़ोरदार रही, बल्कि खेती के लिए आदर्श परिस्थितियाँ भी बन गई हैं। जलाशयों, तालाबों और नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ा है।

बारिश में असंतुलन: कुछ जिलों में अब भी मानसून कमजोर

जहां अधिकांश जिलों में मानसून मेहरबान रहा है, वहीं कुछ जिले ऐसे भी हैं जहां अब भी बरसात की गति सुस्त है। गोड्डा जिले में केवल 101.3 मिमी बारिश दर्ज की गई है, जो सामान्य से 22% कम है। इसलिए इसे “घाटे (Deficient)” की श्रेणी में रखा गया है।

झारखंड में झमाझम मानसून: 25 दिनों में सामान्य से 92% अधिक बारिश, रांची में रिकॉर्ड वर्षा

इसके अलावा साहेबगंज (+11%) और गिरिडीह (+14%) जैसे जिले अभी भी “सामान्य” वर्षा की सीमा में हैं, यानी इन जिलों में अभी मानसून उतनी तेजी से सक्रिय नहीं हुआ है। इससे यहां के किसानों में थोड़ी चिंता जरूर बनी हुई है, क्योंकि देरी से रोपनी या खेती की योजनाओं पर असर पड़ सकता है।

पिछले 24 घंटे में झमाझम बारिश: कई जगहों पर 70 मिमी से ज्यादा

पिछले 24 घंटों में झारखंड के कई हिस्सों में भारी बारिश देखने को मिली। गोल्ला में 75 मिमी, जामताड़ा (FMO) में 71.2 मिमी, और नरकुम (ICAR) में 69.2 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई। इसके अलावा गुडरी, गोइलकेरा, पांकी, सोनुआ और रांची एयरपोर्ट पर भी 40 से 60 मिमी के बीच बारिश दर्ज हुई।

राजधानी रांची के एयरफोर्स बेस पर 55.8 मिमी बारिश दर्ज हुई, जिससे शहर में मौसम सुहावना हो गया। साथ ही कुछ निचले इलाकों में जलजमाव भी देखा गया, जिससे स्थानीय प्रशासन को जल निकासी के लिए सक्रिय होना पड़ा।

झारखंड में झमाझम मानसून: 25 दिनों में सामान्य से 92% अधिक बारिश, रांची में रिकॉर्ड वर्षा

तापमान रिपोर्ट: सरायकेला सबसे गर्म, गुमला सबसे ठंडा

मानसून की इस जबरदस्त बारिश के बीच तापमान में भी उतार-चढ़ाव जारी है। 25 जून को सरायकेला में अधिकतम तापमान 35.1°C दर्ज किया गया, जो राज्य में सबसे ज्यादा था। दूसरी ओर, गुमला में न्यूनतम तापमान 21.5°C रहा, जो सबसे ठंडा स्थान साबित हुआ।

मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि आने वाले 5 दिनों में राज्य का अधिकतम तापमान 29°C से 33°C के बीच और न्यूनतम तापमान 22°C से 25°C के बीच बना रहेगा। लगातार बादलों की आवाजाही और रुक-रुक कर हो रही बारिश से दिन के तापमान में गिरावट बनी रहेगी, जिससे आमजन को गर्मी से राहत मिलेगी।

आने वाले दिनों में मौसम का मिजाज

मौसम विज्ञान केंद्र ने आगामी सप्ताह के लिए वर्षा का पूर्वानुमान भी जारी किया है।
26 जून से 29 जून तक राज्यभर में बादल छाए रहेंगे और अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा जारी रहेगी।
30 जून और 1 जुलाई को भी इसी पैटर्न की बारिश की संभावना बनी हुई है। मौसम वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि कहीं-कहीं वज्रपात और तेज हवा भी चल सकती है, अतः ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष सतर्कता की आवश्यकता है।

कृषि के लिए बड़ी राहत: खेतों में बढ़ी नमी, धान की रोपनी में तेजी

मानसून की यह बंपर बारिश किसानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। खेतों में भरपूर नमी के चलते धान की नर्सरी से लेकर रोपनी तक का काम तेजी से हो रहा है। दलहन, तिलहन और मौसमी सब्जियों की बुआई भी जोरों पर है।

कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि अगर मानसून की यही गति बनी रही तो खरीफ सीजन में झारखंड में रिकॉर्ड उत्पादन संभव है। सरकार द्वारा बीज वितरण और तकनीकी सहायता की पहल के साथ-साथ किसानों में भी उत्साह देखा जा रहा है।

मानसून 2025 झारखंड के लिए एक सकारात्मक संकेत लेकर आया है। न केवल वर्षा में भारी बढ़ोतरी दर्ज की गई है, बल्कि इसका असर जनजीवन, कृषि और पर्यावरण तीनों पर सकारात्मक रूप से दिखाई दे रहा है। उम्मीद की जा रही है कि जुलाई माह में भी यह रुझान बना रहेगा और यह वर्ष कृषि के लिहाज से ऐतिहासिक बन सकता है।

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