Garhwa: जिले के चिनियां थाना क्षेत्र अंतर्गत चिरका गांव में बीती रात जंगली हाथी का कहर एक बार फिर देखने को मिला। रात करीब 11:30 बजे एक हाथी ने दो ग्रामीणों को बेरहमी से कुचल दिया, जिससे दोनों की मौके पर ही मौत हो गई। मृतकों की पहचान प्रमिला देवी (40) और सुधीर सोरेंग (35) के रूप में की गई है।
Garhwa: घटना को लेकर प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, प्रमिला देवी घर से कुछ दूरी पर अपने प्रवासी पति से मोबाइल पर बात कर रही थीं, तभी अचानक एक जंगली हाथी वहां आ गया। प्रमिला देवी ने जान बचाने की कोशिश की, लेकिन हाथी ने उन्हें दौड़ाकर कुचल डाला। वहीं, पास के ही घर में सो रहे सुधीर सोरेंग को जब कुछ आवाजें सुनाई दीं, तो वह बाहर निकले। उन्हें लगा कोई उनके कटहल के पेड़ को नुकसान पहुंचा रहा है। जैसे ही वह बाहर आए, हाथी ने उन पर भी हमला कर दिया और उन्हें भी मौत के घाट उतार दिया।
घटना के बाद पूरे गांव में मातम पसर गया है। सुबह होते ही आक्रोशित ग्रामीण मौके पर जमा हो गए और वन विभाग की लापरवाही के खिलाफ प्रदर्शन शुरू कर दिया। ग्रामीणों का आरोप है कि सुबह 9 बजे तक भी वन विभाग का कोई भी अधिकारी घटनास्थल पर नहीं पहुंचा, जिससे उनका गुस्सा और भड़क गया।
Garhwa: घटना से ग्रामीणों में आक्रोश
ग्रामीणों ने स्पष्ट किया कि जब तक वरीय वन अधिकारी मौके पर नहीं आते, तब तक शवों को उठाने नहीं देंगे। हालांकि चिनियां थाना प्रभारी अमित कुमार पुलिस बल के साथ सुबह से ही मौके पर पहुंच चुके हैं और लोगों को समझाने का प्रयास कर रहे हैं।
Garhwa: लगातार हो रहा हाथियों का हमला
गौरतलब है कि चिरका गांव में पिछले छह महीनों में जंगली हाथियों के हमले में अब तक 5 लोगों की जान जा चुकी है। इसके बावजूद वन विभाग की ओर से कोई प्रभावी कदम नहीं उठाया गया है। पूर्व की घटनाओं के बाद भी ग्रामीणों ने चिनियां चौक पर गढ़वा-चिनियां मुख्य पथ को जाम कर विरोध जताया था, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
आकाशदीप की रिपोर्ट
Highlights