रांची: झारखंड में मॉनसून एक बार फिर पूरी तरह सक्रिय हो गया है। बंगाल की खाड़ी में बने निम्न दबाव और बिहार से चलकर झारखंड होते हुए पश्चिम बंगाल की ओर बढ़ते चक्रवाती सर्कुलेशन के असर से राज्य के कई हिस्सों में मौसम बदला हुआ है। आसमान में घने और काले बादलों का डेरा बना हुआ है।
मौसम विभाग ने झारखंड के 13 जिलों के लिए 7 जुलाई तक भारी बारिश, वज्रपात और 30 से 40 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से हवा चलने की चेतावनी जारी की है।
मौसम विज्ञान केंद्र रांची के वैज्ञानिक अभिषेक आनंद ने जानकारी दी है कि अगले 12 घंटों में बंगाल में बना निम्न दबाव का क्षेत्र और अधिक सक्रिय हो सकता है।
इसके प्रभाव से 6 जुलाई को राज्य के कई जिलों में भारी वर्षा और वज्रपात की संभावना है। खासकर खूंटी, गुमला, सिमडेगा और लोहरदगा जिले सबसे अधिक प्रभावित हो सकते हैं। इन जिलों के लिए मौसम विभाग ने ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।
इसके अलावा रांची, चतरा, पलामू, लातेहार, हजारीबाग, सरायकेला-खरसावां, पश्चिम सिंहभूम और पूर्वी सिंहभूम जिलों में मध्यम से भारी बारिश और वज्रपात की संभावना जताई गई है। इन सभी जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी करते हुए लोगों को सतर्क रहने को कहा गया है। शनिवार को राजधानी रांची में करीब आठ मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई, जबकि बोकारो में सबसे अधिक 10 मिलीमीटर वर्षा हुई।
मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार, इस साल अब तक झारखंड में 35 दिनों में कुल 404 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई है। जबकि सामान्य वर्षापात 236.1 मिमी है। यानी इस बार राज्य में अब तक सामान्य से 71 मिमी अधिक वर्षा हो चुकी है। राजधानी रांची में तो स्थिति और भी खास है, जहां 641.8 मिमी वर्षा दर्ज की गई है, जो सामान्य से लगभग तीन गुना है।
मौसम विभाग ने 7 जुलाई को भी खूंटी, गुमला, सिमडेगा और पश्चिम सिंहभूम में भारी बारिश की संभावना जताई है और येलो अलर्ट जारी किया है। साथ ही 8 और 9 जुलाई को भी राज्य के कुछ हिस्सों में मेघ गर्जन और वज्रपात की चेतावनी दी गई है। इन दोनों दिनों के लिए भी येलो अलर्ट जारी किया गया है।
शनिवार को राज्य के विभिन्न हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश हुई। बोकारो में 10 मिमी, रांची में 8 मिमी, मेदिनीनगर में 6 मिमी, सिमडेगा में 4 मिमी, गुमला में 2 मिमी और जमशेदपुर में 1 मिमी वर्षा रिकॉर्ड की गई।
प्रशासन ने लोगों से सावधानी बरतने की अपील की है। वज्रपात और तेज हवा के दौरान खुले स्थानों, खेतों, पेड़ों के नीचे या ऊंचे स्थानों पर नहीं रुकने की सलाह दी गई है। विशेष रूप से किसानों को अपने खेतों से जल निकासी की व्यवस्था पहले से सुनिश्चित करने को कहा गया है। लगातार हो रही वर्षा के कारण निचले इलाकों में जलजमाव की स्थिति बन सकती है, इसलिए वहां के लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है।