नई दिल्ली/रांची: केंद्र सरकार की नई श्रम संहिताओं, सार्वजनिक उपक्रमों के निजीकरण और अन्य श्रम नीतियों के विरोध में आज बुधवार को देशभर में ट्रेड यूनियनों और मजदूर संगठनों की एक दिवसीय हड़ताल आयोजित की गई है। इस हड़ताल में 25 करोड़ से अधिक मजदूरों के शामिल होने का दावा किया गया है, जिससे बैंकिंग, डाक, बीमा, रेलवे और कोयला जैसे प्रमुख क्षेत्रों की सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं।
12 में से 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनें हड़ताल में शामिल
इस हड़ताल को सीटू (CITU), इंटक (INTUC), एटक (AITUC) समेत 12 में से 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों का समर्थन प्राप्त है। इसके साथ ही संयुक्त किसान मोर्चा, मनरेगा संघर्ष मोर्चा जैसे सेक्टोरल संगठन भी विरोध में शामिल हुए हैं। हालांकि, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से संबद्ध भारतीय मजदूर संघ (BMS) ने खुद को हड़ताल से अलग कर लिया है।
हड़ताल की मुख्य मांगें:
न्यूनतम वेतन ₹26,000 करने की मांग
पुरानी पेंशन योजना (OPS) की बहाली
श्रम संहिताओं को वापस लेना
सार्वजनिक उपक्रमों का निजीकरण बंद करना
असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा की गारंटी
झारखंड में दो घंटे का चक्का जाम
झारखंड में हड़ताल का व्यापक असर देखा जा सकता है। इसे झामुमो, कांग्रेस और राजद का राजनीतिक समर्थन भी प्राप्त है। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) ने घोषणा की है कि राज्य में सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक चक्का जाम किया जाएगा।
भाकपा के राज्य सचिव प्रकाश विप्लव ने कहा कि यह आंदोलन 17 सूत्री मांगों को लेकर किया जा रहा है, जिसमें कोयला मजदूर, बैंक कर्मचारी, बीमा और रेलवे कर्मी, सहित निर्माण मजदूर, गिग वर्कर्स और असंगठित क्षेत्र के श्रमिक भी शामिल हैं।
कोल इंडिया ने घोषित की हड़ताल ‘गैरकानूनी’
धनबाद से मिली जानकारी के अनुसार, कोल इंडिया लिमिटेड ने इस हड़ताल को गैरकानूनी घोषित किया है और “नो वर्क-नो पे” नियम को लागू करने का आदेश दिया है। कोल इंडिया के चेयरमैन पीएम प्रसाद ने स्पष्ट किया है कि हड़ताल के दौरान ड्यूटी में बाधा डालने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
आरबीआई की ओर से बैंक अवकाश की कोई आधिकारिक घोषणा नहीं
हालांकि बैंकों के खुलने की संभावना है, लेकिन ट्रेड यूनियन से जुड़े कर्मचारी काम पर नहीं रहेंगे, जिससे सेवाएं बाधित हो सकती हैं। रिजर्व बैंक ने अब तक 9 जुलाई को अवकाश की कोई घोषणा नहीं की है।
बीएमएस ने किया अलगाव
भारतीय मजदूर संघ (BMS) ने इस हड़ताल से खुद को अलग कर लिया है। कोल प्रभारी के. लक्ष्मा रेड्डी ने हड़ताल को राजनीतिक प्रेरित बताते हुए कहा कि इससे मजदूरों को दिग्भ्रमित किया जा रहा है।
Highlights