Thursday, July 17, 2025

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झारखंड की महारानी अब सीमांचल की रानी? – कल्पना सोरेन की बिहार यात्रा के सियासी मायने

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रांची: “कल्पना सोरेन के तस्वीर फ्रेम में जुड़ने वाले हैं कई नए आयाम, झारखंड की महारानी के शासन की सीमा का होने वाला है फैलाव”
कुछ ऐसी ही भावभंगिमा के साथ झारखंड की राजनीति अब बिहार की पगडंडियों पर उतरने की तैयारी में है। झारखंड में आदिवासी राजनीति की दमदार ब्रांड एंबेसडर बन चुकीं कल्पना सोरेन अब सीमांचल की गलियों में कदम रखने वाली हैं – और वो भी सिर्फ ‘माई बहन सम्मान योजना’ की ब्रांडिंग के लिए नहीं, बल्कि “महागठबंधन” के सियासी पोस्टरों की शोभा बढ़ाने के लिए।

अब जब बात ब्रांडिंग की है, तो RJD को एक चमकती तस्वीर चाहिए थी — और झामुमो ने एकदम ‘रेडी टू यूज’ ब्रांड दे दिया: कल्पना सोरेन।

राजद ने बड़ी चालाकी से JMM को 5-6 सीटें देने का मन बना लिया है। पर ध्यान दीजिएगा, सीटें ‘दी’ जा रही हैं – जैसे कोई बड़ा भाई छोटे भाई को टॉफी थमा रहा हो, जबकि छोटा भाई कह रहा है – “भैया! मुझे भी मैदान में खेलने दो, सिर्फ बाउंड्री के बाहर से तालियाँ मत बजवाओ।”

JMM ने बिहार की 16 सीटों पर दावा ठोका। लेकिन असली स्थिति ये है कि उनमें से 10 से ज़्यादा सीटों पर राजद खुद ही कमजोर है, फिर भी वो झामो को देना नहीं चाहता। कारण साफ है – “भाई! सीट भले हारें, पर गठबंधन में नंबर तो हमारा ही रहना चाहिए।”

तेजस्वी यादव की “माई बहन” योजना को अब नया चेहरा मिलने वाला है – और वो चेहरा है कल्पना सोरेन
बिहार के सियासी पोस्टरों पर अगर कल्पना की मुस्कान दिखी, तो समझिए राजनीति अब सिर्फ जाति समीकरणों तक सीमित नहीं रही – अब भावनात्मक लोकलुभावन चेहरे  भी गठबंधन के लिए ज़रूरी हैं।

RJD को उम्मीद है कि कल्पना के चेहरे से सीमांचल में आदिवासी और महिला वोटों का समर्पण अपने आप मिल जाएगा। इसलिए अब चुनाव प्रचार में लालू जी की लाठी के साथ-साथ कल्पना दीदी की साड़ी भी लहराएगी।

जहां राजद को वोट चाहिए, वहीं झामो को राजनीतिक पहचान चाहिए। और कल्पना सोरेन इस पहचान की सबसे मजबूत दावेदार हैं।
अगर कल्पना पूरे बिहार में प्रचार करती हैं, तो यह JMM की राष्ट्रीय महत्वाकांक्षा का इशारा होगा। पर साथ ही, यह राजद के परंपरागत चेहरे तेजस्वी यादव के लिए भी ‘स्पेस शेयरिंग’ की चुनौती बनेगा। आखिर एक मंच पर दो ताज नहीं चमकते – और अगर कल्पना का भाषण तेजस्वी से ज्यादा तालियाँ बटोर ले, तो फिर?

कल्पना सोरेन अब सिर्फ झारखंड की महारानी नहीं रहीं – वो अब सीमांचल की सपनों की रानी बनने की तैयारी में हैं।
और RJD?
वो सोच रहा है कि “चलो सीटें कम दीं, लेकिन कैमरे में साथ आएंगे तो वोट अपने ही झोली में आएंगे!”

राजनीति के इस गठबंधन में सीटें भले 5 दी गई हों, पर महत्वाकांक्षा 50 सीटों जैसी है।
और इस बार अगर कल्पना दीदी का जादू बिहार में चल गया, तो कौन जाने, अगली बार बिहार की बहू” बनकर वे अपनी “राष्ट्रीय यात्रा” की घोषणा कर दें।