Patna : बिहार विधानसभा में मतदाता सूची पुनरीक्षण को लेकर मचे सियासी घमासान पर केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने विपक्ष को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने कहा कि यह विरोध पूरी तरह से अनावश्यक और विरोधाभास से भरा है। चिराग ने साफ कहा कि मतदाता पुनरीक्षण प्रक्रिया तो विपक्ष की ही मांग पर शुरू की गई थी, ऐसे में अब इसका विरोध करना समझ से बाहर है।
Patna : प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और तेज हुई है
पासवान ने कहा कि चुनाव आयोग एक संवैधानिक संस्था है और उसकी प्रक्रिया पर सवाल उठाना देश में अराजकता को बढ़ावा देने जैसा है। उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी फर्जीवाड़ा या घुसपैठिया देश के सबसे बड़े लोकतांत्रिक अधिकार–मताधिकार–का दुरुपयोग न कर सके।
उन्होंने कहा कि पहले भी चार बार यह प्रक्रिया देश में हो चुकी है और हर बार एक जैसी प्रणाली अपनाई गई है। इस बार केवल तकनीकी सुधार जोड़े गए हैं, जिससे प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और तेज हुई है। पहले कागजी दस्तावेज मांगे जाते थे, अब वह काम ऑनलाइन हो रहा है।
Patna : तेजस्वी यादव का आंदोलन “भानुमती का कुनबा”
तेजस्वी यादव के “सड़क पर आंदोलन” की चेतावनी पर चिराग ने चुटकी लेते हुए कहा कि सड़क और सदन दोनों जगह आंदोलन करना विपक्ष का अधिकार है, लेकिन इनका विरोध सत्ता की लालसा से प्रेरित है। उन्होंने विपक्षी गठबंधन को “भानुमती का कुनबा” करार देते हुए कहा कि दिल्ली में एक-दूसरे के खिलाफ लड़ने वाले दल बिहार में एकजुट नजर आते हैं और केंद्र में साझेदारी कर लेते हैं – सिर्फ सत्ता के लिए।
चिराग पासवान ने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि यह लोग सत्ता के लोभ में बहिष्कार का झूठा राग अलापते हैं लेकिन हकीकत में ऐसा करने की हिम्मत नहीं रखते। उन्होंने कहा कि बूथ लेवल पर सभी दलों के प्रतिनिधि मौजूद होते हैं, यदि किसी को संदेह है तो वह अपने एजेंट्स के जरिए सत्यापन करवा सकते हैं। चिराग ने विपक्ष द्वारा उठाए जा रहे कथित 70 हजार करोड़ के घोटाले पर भी कहा कि यदि वास्तव में घोटाला हुआ है तो निष्पक्ष जांच हो और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाए।
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