बोकारो: चास में 18 जुलाई को हुए 65 लाख रुपये की कथित लूटकांड का पुलिस ने शुक्रवार को खुलासा किया। दरअसल, यह मामला सीधी लूट नहीं बल्कि एक सुनियोजित धोखाधड़ी निकला, जिसमें रांची के बिल्डर अभय आनंद को फर्जी कंपनी के जरिये ठगा गया। बोकारो के एसपी हरविंदर सिंह ने बताया कि इस ठगी के मामले में जामताड़ा के दो शातिर अपराधी — नरेश मंडल और अमित साव को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने उनकी निशानदेही पर कुल 34 लाख रुपये नकद भी बरामद कर लिए हैं।
पुलिस के अनुसार, अभय आनंद को आरोपियों ने आरटीजीएस के माध्यम से 65 लाख रुपये ट्रांसफर करने के बदले 1.30 करोड़ रुपये देने का झांसा दिया था। इस लालच में अभय ने अपने बॉस अशोक ओहदार के जरिए यह राशि दो फर्जी कंपनियों — साव कंस्ट्रक्शन ओपीसी प्राइवेट लिमिटेड और अमित इंटरप्राइजेज, आसनसोल — के खातों में भेजी।
अभय आनंद और अशोक ओहदार मिलकर जमीन का कारोबार करते हैं। अशोक ने इस लेन-देन में दिलीप तिवारी, सचिन सिंह और मनींद्र के कहने पर भाग लिया। पैसे भेजने के बाद जब अभय 18 जुलाई को धनबाद पहुंचे, तब उनकी मुलाकात सुदर्शन उर्फ बंटी सिंह, रितिक उर्फ अमित और विक्की खान उर्फ जेके से हुई।
आरोपियों ने अभय को दो पेटियां सौंपीं और दावा किया कि उनमें 1.30 करोड़ रुपये हैं। लेकिन असल में पेटियों में फल और कागज के बंडल भरे थे। ऊपर कुछ असली नोटों के बंडल रखे गए थे ताकि शक न हो। अभय को यह बात समझ नहीं आई और उन्होंने पेटियां अपनी कार में रख लीं।
साजिश के तहत खुद की रकम को बताई ‘लूट’
पोल खुलने के डर से आरोपियों ने चतुराई दिखाई। उन्होंने खुद ही योजना बनाकर चास के अलकुशा मोड़ के पास अभय की कार रुकवाई और दोनों पेटियों को ‘लूट’ लिया। अभय सीधे चास थाना पहुंचे और लूट की शिकायत दर्ज करवाई। लेकिन पुलिस जांच के दौरान सच्चाई धीरे-धीरे सामने आई।
पूछताछ और छापेमारी में नरेश मंडल के घर से 3.5 लाख, अमित के पास से 3.5 लाख और उनके सहयोगी रितिक सिंह के घर से 27 लाख रुपये बरामद किए गए हैं।
एसपी बोले: जालसाजी के इस नेटवर्क में कई और लोग शामिल
एसपी हरविंदर सिंह ने बताया कि यह मामला पारंपरिक लूट नहीं, बल्कि एक संगठित आर्थिक अपराध है। इस फर्जीवाड़े में कई अन्य लोग भी शामिल हो सकते हैं, जिनकी तलाश जारी है।