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Monday, October 13, 2025
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चुनाव ऐलान के बाद पहली बार बिहार आएंगे शाह, नामांकन सह चुनावी कार्यक्रम में लेंगे हिस्सा

पटना : बिहार विधानसभा चुनाव के ऐलान के बाद पहली बार केंद्रीय गृह व सहकारिता मंत्री अमित शाह चुनावी दौरे पर पटना आ रहे हैं। शाह 16, 17 और 18 अक्टूबर को बिहार का दौरा करेंगे। वह नामांकन सह चुनावी कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। इसकी जानकारी आज यानी 13 अक्टूबर को बिहार बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने दी। एक तरफ एनडीए में सीट शेयरिंग के बाद खबर है कि रालोमो अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा नाराज चल रहे हैं। एनडीए में उन्हें छह सीटें मिली हैं। उनकी मांग इससे अधिक है। इस बीच सोमवार को पटना में होने वाली...

Hazaribagh: हल-बैल लेकर सड़क पर उतरे सदर विधायक, 24 घंटे का दिया अल्टीमेटम

Hazaribagh: हजारीबाग की जर्जर सड़कों को लेकर जनप्रतिनिधियों का आक्रोश अब सड़कों पर दिखने लगा है। सदर विधायक प्रदीप प्रसाद ने सोमवार को सड़क की बदहाली के खिलाफ अनोखे अंदाज में विरोध जताया। वे हल-बैल लेकर लेपो रोड पहुंचे और सड़क की जुताई कर दी। उन्होंने चेतावनी दी कि 24 घंटे के भीतर सड़क मरम्मत शुरू नहीं हुई तो मंगलवार से व्यापक विरोध प्रदर्शन होगा।Hazaribagh: सड़क नहीं, गड्ढों का जाल बना विधायक ने कहा कि सदर विधानसभा क्षेत्र में शायद ही कोई सड़क दुरुस्त हो। मेन रोड, ग्वाल टोली, बस स्टैंड, ओकनी रोड, रामनगर, शिवदयाल, इंद्रपुरी चौक समेत अधिकांश इलाकों...

नीतीश को बड़ा झटका, उनके बेहद करीबी व पूर्व मंत्री ने दिया इस्तीफा

पटना : बिहार विधानसभा चुनाव से पहले सीएम नीतीश कुमार और उनकी पार्टी जनता दल यूनाइटेड (JDU) को झटके पर झटका लग रहा है। उनके बेहद करीबी व पूर्व मंत्री जय कुमार सिंह ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। उन्हें कभी नीतीश कुमार का करीबी माना जाता था। इस्तीफा देने के बाद उन्होंने पार्टी नेतृत्व और सीट शेयरिंग की जिम्मेदारी संभालने वालों पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। नीतीश कुमार के बेहद करीबी  जय कुमार ने उपेंद्र कुशवाहा पर बोला तीखा हमला जय कुमार सिंह ने बिना नाम लिए, उन्होंने राष्ट्रीय लोक मोर्च (RLM) प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा पर तीखा हमला...

बिहार शिक्षा का बना रोल मॉडल! स्कूलों में बच्चियों की संख्या 51 फीसद के पार!

बिहार शिक्षा का बना रोल मॉडल! हुई लाखों शिक्षकों की नियुक्ति, स्कूलों में रहा ऐतिहासिक नामांकन। स्कूलों में बच्चियों की संख्या 51 फीसद के पार! बिहार में 1.77 करोड़ से ज्‍यादा बच्‍चों का एडमिशन। 5,80000 शिक्षकों, 36,947 प्रधान शिक्षक और 5,971 प्रधानाध्यापकों की नियुक्ति से बढ़ा शिक्षा का ग्राफ। 2005 में 12.5 फीसद बच्चे थे स्कूल से बाहर थे, अब 1 फीसद से भी कम… जानिए कैसे हुआ संभव। इस साल शिक्षा पर सबसे अधिक फोकस! जानिए सरकार कितना खर्च करने वाली है सरकार

पटना: बिहार शिक्षा के क्षेत्र में लगातार नवह मुकाम हासिल कर लिया है, जिसकी मिसाल आज देशभर में दी जा रही है। एक दौर था जब राज्य में स्कूलों में शिक्षक, कक्षाएं और छात्राओं की भागीदारी बेहद सीमित थी। लेकिन 2005 से अब तक दो दशकों की दूरदर्शी नीतियों और अथक प्रयासों का ही नतीजा है कि आज बिहार शिक्षा के क्षेत्र में आत्मविश्वास से भरा हुआ है।

5 लाख 80 हजार से अधिक शिक्षकों की नियुक्ति

बीपीएससी के माध्यम से राज्य में तीन चरणों में कुल 2,38,744 शिक्षकों की नियुक्ति की गई है। इसके अलावा, 2005 से अब तक कुछ 5,80000 शिक्षकों की अलग अलग तरीके से बहाल हो चुके हैं। बिहार सरकार के आंकड़ों के अनुसार राज्‍य में कुल 36,947 प्रधान शिक्षक और 5,971 प्रधानाध्यापक बहाल किए गए हैं। स्थानीय निकायों से नियुक्त 2,53,961 शिक्षकों को विशिष्ट शिक्षक का दर्जा देकर स्थायित्व और सम्मान दिया गया है। विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के लिए 7,279 विशेष शिक्षक और 6,421 विद्यालय सहायक की नियुक्ति भी की जा रही है।

यह भी पढ़ें – नीतीश कैबिनेट की बैठक खत्म, कुल 36 एजेंडों पर लगी मुहर…

स्कूलों में बच्चियों की संख्या 51 फीसद के पार!

बिहार सरकार शिक्षा को लेकर सबसे ज्‍यादा गंभीर है। इस बात का प्रमाण ये है कि वित्‍तीय वर्ष 2025-26 के शिक्षा के लिए 60, 964 करोड़ का बजट निर्धारित किया गया है। जो राज्‍य के कुल राजस्‍व व्‍यय का सबसे बड़ा हिस्‍सा है। सरकार के लगातार प्रयासों का नतीजा ये है कि स्कूलों में बच्चों का नामांकन 2005 के 1.45 करोड़ से बढ़कर 2025 में 1.77 करोड़ तक पहुंच गया है।

सिर्फ नामांकन ही नहीं, सरकारी लड़कियों की हिस्सेदारी भी 44.1 फीसद से बढ़कर 51.4 फीसद हो गई है। माना जा रहा है यह महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक ऐतिहासिक छलांग है। जहां 2005 में 12.5 फीसद बच्चे स्कूल से बाहर थे, वहीं अब यह आंकड़ा 1 फीसद से भी नीचे आ चुका है।

स्कूलों की कक्षाएं और आधारभूत संरचना तीन गुना बढ़ी

राज्य में 2005 में जहां 1,43,543 कक्षाएं हुआ करती थीं। वहीं, अब इनकी संख्या बढ़कर 3,80,498 हो गई हैं। इससे स्कूलों में बच्चों के बैठने, पढ़ने और शिक्षकों से संवाद की गुणवत्ता में सुधार आया है। छात्र-शिक्षक अनुपात 65:1 से सुधरकर 32:1 और छात्र-कक्षा अनुपात 92:1 से घटकर 35:1 हो गया है। जो शिक्षण गुणवत्ता की सुखद तस्वीर पेश करती है।

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यह भी पढ़ें-  RJD का चरित्र हो रहा प्रमाणित, गुरु प्रकाश ने कहा भाई वीरेंद्र की बातें पड़ेंगी भारी…

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