रांची: राज्य में बालू की कीमतों में भारी बढ़ोतरी के बाद घर बनाने की योजना बना रहे लोगों को अब ज्यादा खर्च उठाना पड़ेगा। झारखंड सरकार ने बालू की सरकारी दर 7.50 रुपये प्रति सीएफटी से बढ़ाकर 12.80 रुपये प्रति सीएफटी कर दी है। यह वृद्धि 5.30 रुपये प्रति सीएफटी की है, जो सीधे तौर पर निर्माण कार्य की लागत को प्रभावित करेगी।
नई दरों के आधार पर ही अब बालू घाटों की टेंडर प्रक्रिया पूरी की जाएगी। ठेकेदारों को चालान भी इन्हीं दरों के अनुसार काटने होंगे, जिससे 100 सीएफटी बालू पर अब 530 रुपये की अतिरिक्त लागत आ जाएगी। इसका सीधा असर उपभोक्ताओं पर पड़ेगा, क्योंकि व्यापारी यह बोझ ग्राहकों पर डाल सकते हैं।
इस संबंध में खान विभाग ने सभी जिलों के उपायुक्तों को पत्र जारी कर निर्देश दिया है कि बालू घाटों की नीलामी अब नई दर और नई गाइडलाइन के तहत की जाए।
गौरतलब है कि वर्तमान में बालू का वैध उत्खनन रुका हुआ है और पहले से जमा बालू की आपूर्ति हो रही है। लेकिन इन हालातों में भी कई स्थानों पर अवैध खनन और मनमानी दरों पर बिक्री की शिकायतें मिल रही हैं। बालू व्यवसायियों पर नियंत्रण की जरूरत को देखते हुए विभाग की ओर से नई नीति को लागू किया जा रहा है।
अब देखने वाली बात यह होगी कि इस मूल्यवृद्धि के बाद बाजार में बालू की उपलब्धता और दरों पर कितना प्रभाव पड़ता है, क्योंकि निर्माण कार्यों में बालू एक अनिवार्य सामग्री है।