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सरायकेला : झारखंड के शिक्षा मंत्री और झामुमो के वरिष्ठ नेता रामदास सोरेन के निधन से पूरा राज्य शोक में डूब गया है। दिल्ली के अपोलो अस्पताल में इलाज के दौरान शुक्रवार देर रात उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन पर राजनीतिक गलियारे से लेकर आम जनजीवन तक गहरा शोक व्यक्त किया जा रहा है।
पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने भावुक होते हुए कहा कि “राज्य के साथ-साथ टेल्को का घोड़ाबांधा ने अपना बेटा खो दिया है।” उन्होंने याद किया कि एक समय घोड़ाबांधा में सड़कें नहीं थीं, तब उन्होंने और रामदास सोरेन ने मिलकर श्रमदान कर सड़कों का निर्माण कराया था। अर्जुन मुंडा ने कहा कि शुरुआती दौर में वे और रामदास सोरेन कई आंदोलनों में साथ रहे, बाद में भले ही उनकी राजनीतिक राहें अलग हो गईं, लेकिन पड़ोसी होने के नाते घरेलू संबंध हमेशा बने रहे। उन्होंने दुख जताया कि “रामदास सोरेन मृदुल स्वभाव के व्यक्ति थे, उनके निधन से झारखंड को अपूरणीय क्षति हुई है।”
वहीं, जेएलकेएम पार्टी के नेता फनी महतो ने नम आंखों से कहा कि “हम लोगों ने एक अभिभावक खो दिया है।” उन्होंने बताया कि रामदास सोरेन एक “मैनेजमेंट गुरु” के रूप में जाने जाते थे और शिक्षा तथा संगठनात्मक क्षेत्र में उनका योगदान हमेशा सराहनीय रहा है।
रामदास सोरेन के निधन की खबर से जमशेदपुर के घोड़ाबांधा इलाके में शोक की लहर :
स्थानीय व्यापारियों ने अपनी-अपनी दुकानें बंद कर दिवंगत नेता को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस बीच, मंत्री के घर पर शोक संतप्त लोगों की भीड़ जुटी हुई है। परिवारजन अपने दादा और संरक्षक को याद कर गमगीन हैं।
मंत्री के भतीजे सोमाय सोरेन ने बताया कि उनका पार्थिव शरीर दिल्ली से रांची विधानसभा लाया जाएगा, जहां अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। इसके बाद घाटशिला और फिर पैतृक आवास घोड़ाबांधा ले जाया जाएगा।