नई दिल्ली: बिहार में चुनाव आयोग द्वारा कराये गए गहन मतदाता पुनरीक्षण के विरुद्ध विपक्षी दलों के विरोध पर चुनाव आयोग ने रविवार को प्रेस कांफ्रेंस किया। प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए मुख्य चुनाव आयोग ज्ञानेश कुमार ने सबसे पहले मतदाताओं के नाम एक संदेश दिया। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग के लिए न कोई पक्ष है न कोई विपक्ष है, सब समकक्ष है। जिस चुनाव आयोग से निबंधन के बाद ही कोई राजनीतिक दल बनता है वैसे में हम किसी के साथ भेदभाव कैसे कर सकते हैं।
आज के समय में कुछ राजनीतिक दल आरोप लगा रहे हैं जबकि मतदाता सूची एक लाख 8 हजार बीएलओ ने राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि के साथ तैयार की है। गहन मतदाता पुनरीक्षण पर अब तक 28370 आपत्तियां दर्ज की गई है। मतदाता पुनरीक्षण में हुई त्रुटियों को खत्म करने के लिए 1 सितंबर तक की तिथि है। जिन राजनीतिक दलों को किसी भी प्रकार की आपत्ति है वे फॉर्म भर कर जमा करें, त्रुटी सही होने पर उसे दूर किया जायेगा।
यह भी पढ़ें – बिहार के कनेक्टिविटी की नई उड़ान, औंटा –सिमरिया महासेतु का 22 को पीएम करेंगे उद्घाटन
चुनाव आयोग के दरवाजे सभी राजनीतिक पार्टियों के लिए खुले हैं। राजनीतिक दलों द्वारा इस तरह से आरोप लगाना गंभीर चिंता का विषय है। यह महज भ्रम फ़ैलाने की कोशिश है। चुनाव आयोग की साख पर कोई सवाल खड़ा नहीं हो सकता है। बिहार में 7 करोड़ वोटर का विश्वास आज भी चुनाव आयोग के साथ है, लेकिन राजनीतिक दलों के द्वारा आरोप लगाना गंभीर है। राजनीतिक दल वोट चोरी करने का आरोप लगा कर भारतीय संविधान का मखौल उड़ा रहा है। हम मिथ्या आरोपों से नहीं डरते हैं।
चुनाव आयोग पूरी निडरता के साथ सभी वर्ग और सभी धर्मों के मतदाताओं के साथ बिना किसी भेदभाव के चट्टान की तरह खड़ा था, खड़ा है और खड़ा रहेगा। मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि हम पूरी पारदर्शिता के साथ चुनाव करवाते हैं, यहां किसी भी प्रकार की गडबडी की संभावना नहीं है। कुछ राजनीतिक दल वीडियो रिकॉर्डिंग मांग रहे हैं जो कि मतदाताओं के निजता का उल्लंघन है।
https://www.youtube.com/@22scopestate/videos
यह भी पढ़ें- लॉगिन बंद, दफ्तर में एंट्री भी बंद, हड़ताल पर गये अमीनों पर सरकार का चला चाबुक