पटना: बिहार में इसी वर्ष विधानसभा चुनाव होना है और इसके ठीक पहले चुनाव आयोग गहन मतदाता पुनरीक्षण (SIR) करवा रहा है। चुनाव आयोग के SIR पर विपक्ष शुरुआत से ही हमलावर है और लगातार हमलावर ही बना हुआ है। इसके विरोध में अब विपक्षी नेता राहुल गांधी, बिहार के विपक्षी नेता तेजस्वी यादव समेत पूरा पूरा विपक्ष मतदाता अधिकार यात्रा शुरू कर रहा है।
बिहार चुनाव से पहले विपक्ष के द्वारा SIR का लगातार विरोध के बाद अब सवाल उठने लगा है कि क्या विपक्ष के पास और कोई मुद्दा नहीं है। अक्सर देखा जाता है कि चुनाव से पहले राजनीतिक दल मुद्दों पर जनता को अपने पक्ष में करने की कोशिश करती हैं और पक्ष विपक्ष एक दूसरे को भी घेरने की कोशिश करती है लेकिन बिहार में विपक्ष के पास अभी सिर्फ एक ही मुद्दा है और वह है ‘SIR’। विपक्ष लगातार चुनाव आयोग पर भी एनडीए को फायदा पहुँचाने का आरोप लगा रहा है ऐसे में अब एनडीए के नेता विपक्ष पर ही सवाल खड़ा करने लगे हैं।
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एनडीए के नेताओं का कहना है कि केंद्र और बिहार की सरकार लगातार विकास कर रही है और इस वजह से विपक्ष के पास कोई मुद्दा ही नहीं बच रहा है। यही कारण है कि विपक्ष चुनाव आयोग पर उलुल जुलूल आरोप लगा कर लोगों में भ्रम फ़ैलाने की कोशिश कर रहा है। बता दें कि कुछ दिन पहले तक बिहार में विपक्ष ने योजनाओं का नकल करने का आरोप भी नीतीश सरकार पर लगाया। तेजस्वी यादव मात्र 17 महीने के सरकार के कार्यकाल में लाखों लोगों को नौकरी और रोजगार देने का दावा करते हैं लेकिन अब नीतीश कुमार ने बिहार में अगले 5 वर्षों में 1 करोड़ लोगों को नौकरी और रोजगार देने का लक्ष्य रखा है।
इस मामले में एक प्रेस कांफ्रेंस कर मुख्य चुनाव आयुक्त ने भी चिंता जताई और कहा कि जिस राजनीतिक दल की शुरुआत ही चुनाव आयोग से होती है वही गंभीर आरोप लगा रहे हैं। चुनाव आयोग ने भी साफ कर दिया है कि अगर कोई मतदाता आपत्ति दर्ज कराते हैं तो चुनाव आयोग उसका निराकरण करने के लिए तैयार है जबकि अगर आप किसी और के संबंध में आपत्ति दर्ज करवा रहे हैं तो फिर आपको सबूत के साथ अपना हलफनामा देना होगा।
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