झारखंड में नया कोचिंग सेंटर कानून लागू, 5 लाख की बैंक गारंटी और 10 लाख तक जुर्माना। छोटे संस्थानों पर भारी असर पड़ने की आशंका।
रांची: झारखंड सरकार ने कोचिंग संस्थानों के लिए “झारखंड कोचिंग सेंटर नियंत्रण एवं विनियमन विधेयक-2025” लागू किया है। यह कानून अपनी कठोर शर्तों और भारी-भरकम जुर्मानों के कारण राज्य के शिक्षा जगत और उद्यमियों के बीच चर्चा में है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह प्रावधान छोटे और मध्यम स्तर के कोचिंग संस्थानों पर प्रतिकूल असर डाल सकता है। पहली गलती पर ही 5 लाख रुपए का न्यूनतम जुर्माना लगाया जाएगा। जबकि बिहार में यह जुर्माना 25 हजार और उत्तर प्रदेश में 50 हजार रुपए है। झारखंड में बार-बार गलती करने पर 10 लाख रुपए तक का जुर्माना हो सकता है।
Key Highlights
झारखंड में कोचिंग संस्थानों के लिए नया कानून लागू
5 लाख रुपए की बैंक गारंटी अनिवार्य
पहली गलती पर 5 लाख और बार-बार गलती पर 10 लाख रुपए तक जुर्माना
हर शाखा के लिए अलग पंजीकरण, जबकि बिहार में एक जिला–एक पंजीकरण
संचालकों और विशेषज्ञों को डर: छोटे संस्थानों पर पड़ेगा असर
कोचिंग संचालकों की चिंता
कानून के अनुसार झारखंड में कोचिंग सेंटर खोलने के लिए 5 लाख रुपए की बैंक गारंटी अनिवार्य कर दी गई है। इसके अलावा, प्रत्येक शाखा के लिए अलग से पंजीकरण कराना होगा, जबकि बिहार में एक जिले के लिए एक पंजीकरण पर्याप्त है। संचालक मानते हैं कि यह प्रावधान आर्थिक बोझ बढ़ाएगा और नए उद्यमियों को हतोत्साहित करेगा।
संरचना और नियमों पर सख्ती
कानून में न्यूनतम क्षेत्रफल, शिक्षकों की योग्यता और बुनियादी सुविधाओं पर ऐसे प्रावधान रखे गए हैं, जो केंद्रीय दिशानिर्देशों से भी ज्यादा कठोर हैं। अधिकारियों को असीमित अधिकार दिए गए हैं, जबकि अपील या समीक्षा का कोई तंत्र नहीं है। इससे मनमाने फैसलों और भ्रष्टाचार का खतरा बढ़ सकता है।
हितधारकों से राय नहीं ली गई
झारखंड सरकार ने इस कानून को बनाने से पहले कोचिंग संचालकों या उनके संगठनों से राय नहीं ली। राजस्थान और मध्यप्रदेश जैसे राज्यों में निजी क्षेत्र को नीति निर्माण में शामिल किया जाता है, लेकिन झारखंड में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है।
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