रांची में स्मार्ट मीटर और एबी केबल से बिजली चोरी 80% घटी और एटीएंडसी लॉस 30% से घटकर 22% रह गया। JBVNL के प्रयासों से बड़ा बदलाव।
रांची: बिजली चोरी रोकने और घाटा कम करने के लिए झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड (JBVNL) ने स्मार्ट मीटर और एरियल बंच (AB) केबल का बड़ा नेटवर्क तैयार किया है। इसका असर अब साफ दिख रहा है। 2024 तक जहां रांची में एटीएंडसी लॉस (Aggregate Technical & Commercial Loss) 30 से 31 प्रतिशत तक था, वहीं अब यह घटकर 22 से 23 प्रतिशत पर आ गया है। माना जा रहा है कि जब शहर के सभी मीटर पूरी तरह प्रीपेड और एलटी लाइनें एबी केबल में बदल जाएंगी, तो यह लॉस घटकर 15 प्रतिशत तक रह सकता है।
स्मार्ट मीटर से चोरी पर कड़ी रोक
रांची में 3.60 लाख स्मार्ट मीटर लगाने का लक्ष्य है, जिनमें से 3.50 लाख इंस्टॉल हो चुके हैं। इनमें लगभग तीन लाख मीटर पूरी तरह प्रीपेड मोड में हैं, जबकि 3000 मीटर जल्द ही प्रीपेड में बदल जाएंगे। स्मार्ट मीटर के आने के बाद बिजली चोरी करने के पुराने तरीके लगभग खत्म हो गए हैं। बाइपास करना या छेड़छाड़ करना अब आसान नहीं रह गया है, जिससे बिजली चोरों के लिए ये मीटर “काल” साबित हो रहे हैं।
रांची में डिवीजनवार एबी केबल कार्य
ईस्ट डिवीजन – 252 किमी
वेस्ट डिवीजन – 251.01 किमी
कोकर डिवीजन – 244 किमी
सेंट्रल डिवीजन – 229.5 किमी
न्यू कैपिटल – 316 किमी
डोरंडा – 486 किमी
यह अब तक केवल 40% काम है। पूरा काम पूरा होते ही बिजली चोरी और एटीएंडसी लॉस दोनों में भारी गिरावट आएगी।
Key Highlights
स्मार्ट मीटर से बिजली चोरी लगभग असंभव
रांची में एटीएंडसी लॉस 30% से घटकर 22%
गली-मुहल्लों में हुकिंग 80% तक घटी
3.50 लाख स्मार्ट मीटर इंस्टॉल, ज्यादातर प्रीपेड
राज्यभर में 78,000 सर्किट किमी एबी केबल
एरियल बंच केबल से 80% तक कम हुई हुकिंग
एलटी नंगे तारों को एरियल बंच केबल से बदलने का सीधा फायदा चोरी पर पड़ा है। दो साल पहले जहां हर महीने 800 से 1000 चोरी के मामले आते थे, अब यह घटकर 100 से 200 रह गए हैं। गली-मुहल्लों में पहले हुकिंग आम थी, लेकिन एबी केबल लगने के बाद इसमें 80% तक कमी आई है।
पूरे राज्य में बिजली सुधार की कवायद
JBVNL ने अब तक राज्यभर में 71,000 सर्किट किमी एबी केबल लगाई है। RDSS स्कीम के तहत 6,622 सर्किट किमी और जोड़े गए, जिससे कुल 78,000 सर्किट किमी एबी केबल नेटवर्क तैयार हो चुका है।
स्मार्ट मीटर इंस्टॉलेशन भी तेजी से हो रहा है। 18.63 लाख घरों में मीटर लगाने का लक्ष्य है, जिनमें जुलाई तक 7.70 लाख से अधिक लग चुके हैं। साथ ही, राज्य के 2,68,700 वितरण ट्रांसफार्मरों में से एक लाख से ज्यादा पर मीटर लगाए जा चुके हैं। इन मीटरों से यह पता चल पाएगा कि किस ट्रांसफार्मर से चोरी ज्यादा हो रही है।
Highlights




































